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यूरोप में फैलता खतरनाक ईहेक बैक्टीरिया

२८ मई २०११

स्पेन ने सुपर बैक्टीरिया ईहेक पर यूरोपीय संघ से जर्मनी के रवैये की शिकायत की है. स्पेन से फैले इस बैक्टेरिया से छह लोग मारे गए हैं और लगभग 800 संक्रमित हुए हैं. जर्मनी के अलावा ब्रिटेन व ऑस्ट्रिया में भी सामने आए.

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Technischer Hinweis: Aufnahme mit Fisheye-Objektiv +++ Die Medizinisch-Technische Assistentin (MTA) Brigitte Weiss zeigt am Dienstag (24.05.11) in Hamburg im mikrobiologischen Labor des Universitaetsklinikums Eppendorf (UKE) eine EHEC-Bakterienkultur. Das Darmbakterium EHEC (Enterohaemorrhagischer E. coli), das schweren Durchfall, Erbrechen und Nierenschaedigungen verursacht, grassiert derzeit in Hamburg, Schleswig-Holstein, Niedersachsen und Mecklenburg-Vorpommern. (zu dapd-Text) Foto: Philipp Guelland/dapd
ईहेक बैक्टेरियातस्वीर: dapd

जर्मनी से शुरू हुआ इन्फेक्शन अब ब्रिटेन, नीदरलैंड्स, स्वीडन, डेनमार्क और ऑस्ट्रिया में भी फैल गया है. शुक्रवार को ऑस्ट्रिया में दो जर्मन नागरिक इस बैक्टीरिया के संक्रमण से बीमार हो गए.

इस संक्रमण का स्रोत स्पेन के खीरे में मिला. लेकिन जर्मनी ने यूरोपीय संघ को बताने से पहले ई कोलाई बैक्टीरिया की इस खतरनाक प्रजाति के बारे में मीडिया को बता दिया. स्पेन ने खीरे का निर्यात फिलहाल बंद कर दिया है लेकिन आरोप लगाया है कि ऐसा कोई सबूत नहीं है कि यह बैक्टीरिया स्पेन से ही जर्मनी पहुंचा.

Magnified 1250X, this fluorescent antibody stained photomicrograph revealed the presence of enteropathogenic Escherichia coli bacteria, which were found in a fecal smear from an infant with diarrhea. E. coli is a member of the family of bacterial organisms withing the family Enteribacteriaceae, and contains the highly pathogenic strain, which has been given the label O157:H7. There a four E. coli classes that are enterovirulent in nature, causing gastroenteritis in humans. EEC, or enterovirulent E. coli, which includes the enterohemorrhagic (EHEC) O157:H7 strain. Under normal circumstances, E. coli bacteria are found in the human gut, and serve the useful task of keeping other bacterial organisms in check, however, as is well documented, the O157:H7 strain produces a potent toxin, which destroys the intestinal lining, and can lead to death. Photo: Berenice Thomason/Centers for Disease Control and Prevention (ACHTUNG: Nur zur redkationellen Verwendung bei Urhebernennung Berenice Thomason/Centers for Disease Control and Prevention; zu dpa 0639 vom 22.05.2011) +++(c) dpa - Bildfunk+++ picture alliance / dpa
ककड़ी, खीरे, टमाटर से फैला खतरनाक बैक्टेरियातस्वीर: B.Thomason/C. for Disease Control and Prevention

स्पेन के स्वास्थ्य मंत्री लियरे पायिन और कृषि मंत्री रोसा एगुइलार ने जोर दिया कि इस संक्रमण का स्रोत अब भी साफ नहीं है. यूरोपीय आयोग का कहना है, "अधिकतर मामले जो जर्मनी के बाहर हुए हैं उनमें या तो जर्मन नागरिक प्रभावित हुए हैं या फिर जर्मनी में आने वाले नगरिकों पर असर हुआ है."

लेकिन जर्मनी और डेनमार्क दोनों की जांच में सामने आया है कि स्पेन के खीरे से ही बैक्टीरिया फैला. वैसे तो हर साल ईहेक के कारण कम से कम 800 से 1,200 लोग बीमार होते हैं, लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तरह से एकदम संक्रमण कभी नहीं हुआ. मौजूदा संक्रमण इसलिए भी अलग है क्योंकि यह वयस्क लोगों में हुआ है खासकर महिलाओं में, वरना इस बैक्टीरिया का शिकार अधिकतर बच्चे होते हैं. जर्मनी में लोगों से कच्चा सलाद, ककड़ी, खीरा और टमाटर खाने से मना किया गया है. यह संदेह भी जाहिर किया गया है कि दूसरी सब्जियों में भी बैक्टीरिया हो सकता है.

इहेक के संक्रमण का पहले मामला जर्मनी के उत्तरी शहर हैम्बर्ग में सामने आया.

ईहेक (ईएचईसी) क्या है

ईएचईसी बैक्टीरिया का पूरा नाम एंटेरोहिमोह्रेजिक एश्चेरेशिया कोलाई है. यह जानवरों के पेट में पाया जाता है. सामान्य तौर पर जानवरों को इससे नुकसान नहीं होता लेकिन यह मनुष्य के शरीर में भारी गड़बड़ी पैदा करता है. पानी के प्रदूषण या गोबर से यह मनुष्य के शरीर में पहुंच सकता है. इससे डायरिया या खूनी पेचिश होने की आशंका होती है. बर्लिन के रॉबर्ट कोख इंस्टीट्यूट की सुसाने ग्लासमाखर बताती हैं, "हर साल जर्मनी में एक हजार ईएचईसी के संक्रमण होते हैं. इनमें से 60 गंभीर होते हैं." इस गंभीरता को जानकार हिमोलिटिक यूरेमिक सिन्ड्रोम नाम देते हैं जिसमें बहुत कम समय में इस बैक्टीरिया का संक्रमण बहुत लोगों को हो जाता है. यह बैक्टीरिया कोशिकाओं को नष्ट करने वाला जहर पैदा करता है. इससे किडनी यानी वृक्क पर असर हो सकता है और किडनी काम करना भी बंद सकती है.

Die biologisch-technische Assistentin Tanja Adolf haelt am Mittwoch (25.05.11) in einem Labor des Universitaetsklinikums in Muenster (UKM) fuer eine Fotoillustration eine Petrischale, in der sich ein Naehrboden mit harmlosen Darmbakterien befindet. Forscher des UKM wollen bis Ende der Woche den fuer die Darminfektionen mit dem gefaehrlichen EHEC-Bakterium verantwortlichen Erregerstamm identifizieren. "Wir haben ihn schon sehr weit eingegrenzt", sagte der Direktor des Instituts fuer Hygiene am UKM, Helge Karch, am Mittwoch. Es kaemen nur noch zwei von insgesamt 42 bekannten Typen infrage. Es koenne aber auch ein ganz neuer Typ des Erregers sein. (zu dapd-Text) Foto: Sascha Schuermann/dapd
मनुष्यों में खूनी पेचिश का कारण ईहेकतस्वीर: dapd

बड़ी मुश्किल

ईहेक का इलाज करना डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती है. पहले तो सामान्य ई कोलाई बैक्टीरिया और इसकी खतरनाक प्रजाति में अंतर ढूंढना ही मुश्किल है. अगर ईहेक बैक्टीरिया के इलाज के लिए एंटिबायोटिक दे दी तो मुश्किल और बढ़ जाती है, क्योंकि एंटिबायोटिक दवाई के बाद यह बैक्टीरिया आक्रामक तरीके से काम करता है और जहर उगलना तेज कर देता है. फिर डॉक्टरों के पास एक ही तरीका बचता है कि इसके लक्षणों को खत्म किया जाए और बोतल चढ़ाना ऐसे में सही रहता है. इससे शरीर का पानी खत्म नहीं होता. गंभीर मामलो में डायलिसिस से किडनी बचाई जा सकती है.

इस खतरनाक बैक्टीरिया से बचने का इकलौता उपाय कड़ी साफ सफाई है. सब्जी काटने के पहले हाथ और सब्जी धोने और सब्जी या मांस पूरी तरह से पका कर खाने की हिदायत दी जा रही है. 70 डिग्री सेल्सियस पर 10 मिनट पकाने पर बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए कुमार