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यूसुफ पठान की बल्लेबाजी ने हरायाः स्मिथ

१९ जनवरी २०११

भारतीय बल्लेबाज यूसुफ पठान की 50 गेंदों में 59 रनों की शानदार पारी ने दक्षिण अफ्रीकी हमले की धार कुंद कर दी और मैच टीम इंडिया के हाथ में चली गई. केपटाउन में हार का मेजबान टीम के कप्तान ग्रीम स्मिथ ने ये कारण बताया है.

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तस्वीर: AP

जीत के लिए 221 रनों का पीछा करने उतरी टीम इंडिया के जब पांच खिलाड़ी 93 रन पर ही पवेलियन लौट गए तब पठान दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों पर मैदान के हर कोने में शॉट लगाकर मैच का रोमांच वापस लाए. इस बल्लेबाजी पर हैरान हुए कप्तान स्मिथ कहते हैं,"यूसुफ पठान की बल्लेबाजी ही दोनों टीमों के बीच बड़ा अंतर साबित हुई. पिच वनडे के हिसाब से बहुत अच्छा नहीं था लेकिन मैच बेहद रोमांचक रहा.पठान को यहां खेलते देखना अजूबा था. वो घरेलू मैदान पर अच्छा खेलते रहे हैं लेकिन उन्होंने यहां भी अच्छी बल्लेबाजी की. पठान ने अच्छी तैयारी की थी मैंने ट्रेनिंग के दौरान भी उनको देखा था. भारतीय टीम में उनका योगदान बड़ा है."

Flash Galerie Yusuf Pathan
तस्वीर: AP

स्मिथ मानते हैं कि यूसुफ की बल्लेबाजी की तारीफ इसलिए भी होनी चाहिए क्योंकि काफी दबाव होने के बावजूद वो अच्छा खेले. स्मिथ का कहना है कि केपटाउन के पिच को देखते हुए तीसरे वनडे में 220 रनों का लक्ष्य कोई आसान लक्ष्य नहीं था पर अगर 20 रन और बन जाते तो शायद तस्वीर दूसरी होती. हालांकि वो ये भी मानते हैं कि 220 रन के स्कोर पर भी टीम इंडिया को शिकस्त दी जा सकती थी लेकिन यूसुफ की बल्लेबाजी ने मेहमान टीम के इरादों पर पानी फेर दिया.

स्मिथ ने कहा,"जेपी ड्युमिनी और पहली बार खेलने आए फाफ डू प्लेसिस ने अच्छी साझीदारी दिखाई और स्कोर को यहां तक पहुंचाया लेकिन दो ओवर के बीच ही दोनों आउट हो गए. पावरप्ले में हम बुरी तरह नाकाम रहे और आखिरी के छह ओवरों में केवल 19 रन बने. मैं पूरी तरह से मानता हूं कि अगर हमने 240 रन बनाए होते तो मैच जीतने के ज्यादा आसार होते." हालांकि स्मिथ अपने खिलाड़ियों को दोष नहीं देते और मानते हैं कि उन्होंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की.

स्मिथ का मानना है कि लगातार मैचों में थोड़े थोड़े के अंतर से मिली हार के बाद अब टूर्नामेंट में वापसी के लिए उनकी टीम को थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी होगी. इसके साथ ही उनका ये भी कहना है कि वर्ल्ड कप के लिए टीम का एलान होने के बाद खिलाड़ियों पर दबाव भी कम होगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य

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