रनों के बाद तेंदुलकर पर तारीफों की बारिश
२० दिसम्बर २०१०भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर ने सेंचुरियन टेस्ट में तेंदुलकर के शतक को शानदार पारी करार दिया. "यह कमाल की पारी है. क्रिकेट इतिहास में सचिन ने ऐतिहासिक मुकाम को पा लिया है. क्रिकेट की तीनों विधाओं में सचिन बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके लिए जबरदस्त शारीरिक और मानसिक मजबूती के साथ साथ क्रिकेट के प्रति दीवानापन होना चाहिए और सचिन में यह सब झलकता है."
तेंदुलकर अपने शुरुआती सालों में वेंगसकर के साथ भी खेले हैं और वेंगसरकर मानते हैं कि सचिन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं. "विदेशी धरती पर सचिन ने जो कमाल दिखाया है उससे युवा खिलाड़ियों को सबक लेना चाहिए. क्रिकेट इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. मुझे नहीं लगता कि आगे भी कोई इस मुकाम तक पहुंच पाएगा."
भारतीय टीम के धाकड़ बल्लेबाज रह चुके और चयन समिति के चेयरमैन के श्रीकांत सचिन को विश्व क्रिकेट का भगवान मानते हैं और उनकी उपलब्धि को महामानवीय प्रयासों को दर्जा देते हैं. "सचिन क्रिकेट जगत के भगवान हैं और यह उपलब्धि एक महामानवीय प्रयास है. अपनी जिंदगी के 21 साल उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को दिए हैं और यह रोमांचित करने वाला है. जब आप मुश्किल परिस्थितियों में रन बनाते हैं तो उसकी अपनी ही अहमियत होती है."
पाकिस्तान के पूर्व लेग स्पिनर अब्दुल कादिर भी 16 साल के सचिन तेंदुलकर को बॉलिंग करा चुके हैं और वो लम्हे उन्हें भुलाए नहीं भूलते. "उस समय वकार यूनुस की गेंदों में तेजी अपने चरम पर थी. लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहली पारी में सचिन ने जो तकनीक और हौसला दिखाया वह हमेशा याद रहेगा. हर कोई एकदम से पहचान गया कि यह कोई आम खिलाड़ी नहीं है. तेंदुलकर की उपलब्धि पर मैं उन्हें बधाई देता हूं."
सचिन तेंदुलकर जिस दौर में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे, मदन लाल टीम के कोच थे. मदन लाल मानते हैं कि तेंदुलकर की सफलता में अन्य बल्लेबाजों का भी हाथ है. "एक समय भारतीय बल्लेबाजी सिर्फ तेंदुलकर के इर्दगिर्द घूमती थी लेकिन द्रविड़, लक्ष्मण, सहवाग और गंभीर के आने से तेंदुलकर पर दबाव कम हुआ और उन्हें अपना स्वाभाविक खेल खेलने की आजादी मिली. इसलिए हाल के सालों में सचिन का खेल और निखरा है."
पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी का कहना है कि सचिन तेंदुलकर अपने करियर के शिखर पर पहुंच गए हैं. "ये कीर्तिमान तो उनके नाम बने ही रहेंगे. वह अपने करियर के उच्चतम बिंदु पर पहुंच गए हैं लेकिन उनमें रनों की भूख अब भी है. जिस तरह एक के बाद एक कीर्तिमानों को वह अपने नाम करते जा रहे हैं उससे देखकर लगता है कि किसी भी बल्लेबाज के लिए उन्हें तोड़ना नामुमकिन होगा."
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एन रंजन