रामदेव पर कार्रवाई भारत का अंदरूनी मामलाः अमेरिका
७ जून २०११अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, "हमने भारतीय मीडिया की विभिन्न रिपोर्टें देखी हैं. अभी हम इसे भारत का अंदरूनी मामला ही मानते हैं. इस बारे में ज्यादा बात करें, तो हम शांतिपूर्ण तरीके से जमा होने के अधिकार का समर्थन करते हैं, लेकिन हम लोकतांत्रिक सरकार के सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने के अधिकार का भी समर्थन करते हैं. लेकिन फिर एक बार हम मानते हैं कि यह भारत सरकार का अंदरूनी मामला है."
अमेरिकी प्रवक्ता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन पर बैठने वाले रामदेव पर हुई पुलिसिया कार्रवाई पर सीधे तौर पर कुछ भी कहने से परहेज किया. उन्होंने कहा, "हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर भारत का सम्मान करते हैं और इसीलिए मानते हैं कि एक आंतरिक मुद्दे को उन्हें अच्छे तरीके से सुझलाने दें." टोनर ने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत इस तरह शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों को अपनी राय जाहिर करने की अनुमति देगा. लेकिन समान रूप से प्रदर्शनकारियों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहें.
एक सवाल के जवाब में टोनर ने रामलीला मैदान की घटना की तुलना चीन में 1989 में बीजिंग के थ्येनानमन चौक पर लोकतंत्र समर्थकों पर हुई बरबर सरकारी कार्रवाई से करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, "मैं इन दो घटनाओं के बीच समानता नहीं देखता." नई दिल्ली में अनशन पर बैठे रामदेव और उनके समर्थकों के पंडाल को पुलिस ने आधी रात को उखाड़ दिया और प्रदर्शनकारियों पर कथित रूप से लाठीचार्ज भी किया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एमजी