रूसी नदी में 20 हजार टन डीजल फैला, कंपनी पर बरसे पुतिन
४ जून २०२०राष्ट्रपति पुतिन ने साइबेरिया के एक इलाके में बुधवार को उस वक्त इमरजेंसी लगा दी जब एक पावर प्लांट से रिस कर लगभग 20 हजार टन डीजल नदी में पहुंच गया. यह घटना राजधानी मॉस्को से पूर्वोत्तर में लगभग तीन हजार किलोमीटर दूर नॉरिलस्क शहर के पास हुई. इस नदी का पानी एक झील में गिरता है. उस झील से एक और नदी निकलती हैं जो आखिरकार आर्कटिक सागर में गिरती है.
डीजल फैलने के बाद नदी में अवरोध खड़े कर दिए गए हैं. इसके बाद वहां से गुजरने वाले जलीय यातायात में बाधा आई है. राष्ट्रपति पुतिन ने इस घटना पर सख्य रुख अपनाया है और दिग्गज स्टील कंपनी नॉरलिस्क निकेल (नॉरनिकेल) की सहायक कंपनी एनटीईके की आलोचना की है. खासकर एनटीईके प्रमुख सेरगेई लिमपिन को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा, "सरकारी एजेंसियां ही दो दिन बाद क्यों पता करें कि क्या हुआ? क्या अब हम सोशल मीडिया से यह जानेंगे कि स्थिति आपातकालीन है? क्या आपको इससे कोई दिक्कत नहीं है?"
नॉरनिकेल ने एक बयान में कहा है कि एनटीईके ने "समय से और उचित तरीके से" बता दिया था कि क्या हुआ. लेकिन क्रासनोयारस्क इलाके के गवर्नर एलेक्सांदर उस्स ने पुतिन को बताया कि उन्हें रविवार को "वास्तविक स्थिति के बारे में पता चला" खास कर उस वक्त जब "सोशल मीडिया पर चौकाने वाली जानाकरियां" सामने आने लगीं.
विश्व वन्यजीव कोष की रूसी शाखा के एलेक्सी क्निजनीकोव ने कहा है कि डीजल रिसने से मछलियों और दूसरे संसाधनों पर जो असर पड़ेगा, उसकी वजह से एक अरब रूबल (1.46 करोड़ डॉलर) का नुकसान हो सकता है.
एनटीईके उन बहुत सारी कंपनियों में से एक है जिनकी वजह से औद्योगिक शहर नोरिलस्क दुनिया की सबसे प्रदूषित जगहों में शामिल है. डीजल कैसे फैला, यह अभी तय किया जाना बाकी है.
एके ओएसजे (एएफपी, एपी, डीपीए, रॉयटर्स)
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