रॉकेट हमला नैटो ने किया: करजई
२७ जुलाई २०१०अफगान राष्ट्रपति ने कहा कि आधिकारिक जांच में यह पाया गया कि रॉकेट नैटो/आईसैफ सेनाओं ने लॉन्च किया. हेलमंद प्रांत के सांगिन जिले में हुए इस हमले में कई महिलाओं और बच्चों समेत 52 नागरिक मारे गए. अफगान राष्ट्रपति के बयान में कहा गया है कि, ''पीड़ित परिवारों के साथ बातचीत की गई है और नैटो सेनाओं से कह दिया गया है कि वह आम लोगों पर होने वाले हमलों की टालें.''
नैटो और आईसैफ सेनाओं ने करजई के बयान को खारिज किया है. सोमवार को नैटो के अधिकारियों ने कहा कि जांच में अब तक ऐसे सबूत नहीं मिले हैं कि हमला हमारी सेनाओं ने किया. आईसैफ कम्युनिकेशन के डॉयरेक्टर रियर एडमिरल ग्रेग स्मिथ ने कहा, ''गांव पर हुए रॉकेट हमले के पीछे जिस तरह के शक जताए जा रहे हैं, उनकी पुष्टि करने वाले कोई सबूत अभी तक नहीं मिले हैं.''
शुक्रवार को सांगिन के रेगे गांव में सेनाओं और तालिबानी चरमपंथियों के बीच संघर्ष हुआ. उसी दौरान एक घर पर रॉकेट हमला हुआ, जिसमें बेकसूर लोग मारे गए. रियर एडमिरल ग्रेग स्मिथ के मुताबिक, ''हमले का जबाव देते वक्त हेलीकॉप्टर का सहारा लिया जा रहा है. सभी तरह की फायरिंग पर कड़ी निगरानी रखी गई. गठबंधन सेनाओं की कार्रवाई में तालिबान के कमांडर समेत छह आतंकवादी मारे गए.''
एक चश्मदीद ने दावा किया है कि हमले के वक्त बच्चों को गोद में लिए कई महिलाएं गांव में इधर उधर भाग रही थीं जिन पर हेलीकॉप्टर से फायरिंग की गई. हमले के बाद लोगों में खासा गुस्सा है. एक व्यक्ति ने कहा, ''मेरे तीन भतीजे घायल हो गए हैं. मेरा एक बेटा भी बुरी तरह जख्मी हुआ है. एक चार साल का बच्चा अनाथ हो गया है. आखिर मासूमों को किस बात की सजा दी जा रही है?'' उधर, अफगान सेना ने इस हमले में शामिल होने से इनकार किया है.
अफगानिस्तान में आम नागरिकों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल बनी हुई है. अफगान राष्ट्रपति का कहना है कि अगर सैन्य कार्रवाई में आम लोगों की मौत जारी रही तो पश्चिमी देशों को अफगान मिशन कभी कामयाब नहीं होगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: वी कुमार