लंग कैंसर से बचा सकती हैं एस्प्रिन
२७ अप्रैल २०१२लंग कैंसर जरनल में छपी रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक लगातार एस्प्रिन खाने से फेफड़े के कैंसर का खतरा 50 फीसदी कम हो जाता है. हालांकि रिसर्चरों ने यह भी कहा है कि एस्प्रिन लंग कैंसर के खिलाफ सुरक्षा नहीं है.
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के वी येन लिम और उनके सहयोगी लिखते हैं, "हमारे नतीजे सुझाव देते हैं कि एस्प्रिन एशियाई महिलाओं में लंग कैंसर के खतरे को कम कर सकती है. लेकिन यह सवाल कायम है कि क्या एस्प्रिन लंग कैंसर से बचाती है. फिलहाल यह बहस का विषय है. प्रकाशित सबूत इस बारे में ठोस जानकारी नहीं देते हैं."
चीन में 1,212 महिलाओं पर शोध किया गया. इनमें से 398 महिलाओं को फेफड़े का कैंसर था. 814 महिलाएं स्वस्थ थीं. लिम की टीम ने पाया कि जो महिलाएं महीने भर तक या फिर इससे भी ज्यादा समय तक, हफ्ते में कम से कम दो बार एस्प्रिन खा चुकी हैं, उनमें लंग कैंसर की संभावना कम थी.
वैसे सिगरेट नहीं पीने वाली महिलाओं में पहले से ही लंग कैंसर की संभावना 50 फीसदी कम रही. सिगरेट बीड़ी पीने वाली 62 फीसदी महिलाओं को एस्प्रिन ने फेफड़े के घातक कैंसर से दूर रखा. रिसर्चरों ने महिलाओं की उम्र, शिक्षा, फल और सब्जियों की खुराक पर भी ध्यान दिया.
वैज्ञानिक तौर पर यह साफ हो चुका है कि एस्प्रिन की गोली साइक्लोऑक्सीजनेज-2 नाम के एंजाइम को रोक देती है. यह एंजाइम जलन पैदा करता है और कोशिशकाओं को बांटता है. उच्च स्तर के ट्यूमर में साइक्लोऑक्सीजनेज-2 मिलता है.
सिंगापुर यूनिवर्सिटी के शोध से दूर अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एंड्रयू चैन अब भी कुछ शंका में हैं. चैन के मुताबिक एस्प्रिन और लंग कैंसर के नतीजे मिले जुले हैं, "पहली बात तो यह है कि सिगरेट बीड़ी नहीं पीने से ही व्यक्ति लंग कैंसर के खतरे को कम कर सकता है." हालांकि इस बात के ठोस सबूत मिल चुके हैं कि एस्प्रिन से बड़ी आंत कैंसर के खतरे को कम करती है.
चैन के मुताबिक अभी यह लोगों को यह सलाह देना जल्दबाजी होगी कि वह रोज एक एस्प्रिन लें. डॉक्टर की सलाह लेनी जरूरी है. अमेरिका की प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स 45 से 79 साल के पुरुषों और 55 से 79 साल की महिलाओं को हार्ट अटैक या अन्य तरह के स्ट्रोक के बचने के लिए एक गोली एस्प्रिन रोज खाने की सलाह दी जाती है.
ओएसजे/एजे (रॉयटर्स)