लश्कर से अमेरिका को भी खतराः नेपोलितानो
३ जून २०११नेपोलितानो ने फिर कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा भी उतना ही खतरनाक है जितना अल कायदा और उसके जैसे दूसरे संगठन हैं. गुरुवार को वॉशिंगटन में एक थिंक टैंक में उन्होंने कहा, "लश्कर एक मजबूत आतंकवादी संगठन है. यह अमेरिका के लिए भी खतरा हो सकता है. भारत को तो निश्चित तौर पर उससे खतरा है. संगठन और ताकत के मामले में यह अल कायदा जितना ही मजबूत है."
अमेरिकी गृह मंत्री ने कहा कि उनके देश ने पिछले 10 साल के दौरान ज्यादातर अल कायदा पर ही ध्यान दिया है जो 9/11 के हमलों के लिए जिम्मेदार था. इसकी वजह से इस बात पर कम ही लोगों की तवज्जो गई कि लश्कर-ए-तैयबा जैसे दूसरे आतंकवादी संगठन भी हैं.
भारत मानता है कि लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमले कराए जिनमें 166 लोग मारे गए गए. इसके बाद दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के रिश्ते बेहद खराब हो गए. पाकिस्तानी मूल के एक अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली ने मान लिया है कि उसने 26 नवंबर 2008 को हुए हमलों से पहले उन जगहों का दौरा किया जिन्हें निशाना बनाया गया. शिकागो की अदालत में उसने माना कि लश्कर-ए-तैयबा पर आधिकारिक प्रतिबंध के बावजूद आईएसआई ने इन हमलों में मदद दी.
नेपोलितानो ने लश्कर को लेकर भारत से हुई अपनी बातचीत पर कुछ नहीं कहा. उन्होंने इतना ही कहा, "अमेरिका समझता है कि यह सबके हित में है कि भारत और पाकिस्तान मिल कर काम करें." पिछले एक दशक में दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते बहुत बेहतर हुए हैं. लेकिन भारत सरकार पाकिस्तान के साथ अमेरिकी सहयोग को लेकर चिंतित रही है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह