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लीबियाई गृह मंत्री का इस्तीफा, यूएन में हिंसा की निंदा

२२ फ़रवरी २०११

लीबिया के गृह मंत्री अब्देल फताह यूनुस अल आबिदी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और सेना से अपील की है कि उन्हें आम जनता का साथ देना चाहिए. गद्दाफी ने व्यापक विरोध और दवाब के बावजूद सत्ता छोड़ने से इनकार किया है.

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सत्ता में बने रहेंगे गद्दाफीतस्वीर: picture-alliance/dpa

उधर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी लीबिया का मुद्दा छाया रहा और आम लोगों के खिलाफ हुई हिंसा की जमकर निंदा हुई है. सुरक्षा परिषद ने अपने एक बयान में हिंसा को तत्काल रोके जाने की मांग की है और लीबियाई नेताओं से कहा है कि उन्हें जनता की उचित मांगों पर ध्यान देना चाहिए.

गद्दाफी को उनके साथी भी छोड़ रहे हैं. देश के गृह मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सशस्त्र सेनाओं से अनुरोध किया है कि सैनिकों को जनता के साथ आना चाहिए.

इससे पहले राष्ट्रीय टीवी पर अपने संबोधन में गद्दाफी ने कहा कि वह देश छोड़ कर नहीं जाएंगे.

गद्दाफी ने कहा, "यह मेरा देश है. मैं लीबिया की धरती को नहीं छोड़ूंगा." उन्होंने आखिरी सांस तक सरकार विरोधियों से लड़ने का संकल्प जताया. गद्दाफी ने कहा कि देश छोड़ने की बजाय वह शहीद के तौर पर अपनी जान देना पसंद करेंगे. उन्होंने सरकार विरोधियों के कब्जे से बेनगाजी शहर को आजाद कराने की भी बात कही.

लीबियाई नेता ने कहा कि देश में विदेशी ताकतों के इशारे पर प्रदर्शन हो रहे हैं. गद्दाफी ने अपनी 41 साल पुरानी सत्ता को खत्म करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकरियों को नशेड़ी करार दिया. उन्होंने अपने विरोध में सड़कों पर उतरने वाले लोगों को इस्लामी चरमपंथी कहा. अपनी चिरपरिचित हरी किताब निकालते हुए गद्दाफी ने कहा कि लीबिया के खिलाफ साजिश करने वाले के लिए मौत की सजा है. उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि वे प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सड़कों पर उतरें.

लीबिया में हफ्ते भर से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों में अब तक 400 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है. लीबियाई संकट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अरब लीग ने मंगलवार को एक अहम बैठक भी बुलाई. दुनिया के कई देशों में लीबियाई राजदूतों ने भी अपनी सरकार के खिलाफ बगावत का झंड़ा थाम लिया है.

अपने इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए गद्दाफी ने कहा कि जब उनके पास कोई पद ही नहीं है, तो इस्तीफा किससे दें.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एम जी

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