लोकपाल बिल समिति के लिए अधिसूचना जारी
९ अप्रैल २०११अन्ना हजारे के नेतृत्व में चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की ये पहली मांग थी जो सरकार ने मान ली है. इस अधिसूचना पर कानून मंत्रालय के विधि विभाग सचिव वी के भसीन ने दस्तखत किए हैं. जंतर मंतर पर जिस जगह अन्ना हजारे भूख हड़ताल पर बैठे थे वहां इस अधिसूचना को गर्व के साथ प्रदर्शित किया गया. इस मौके पर वहां पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी और अन्ना के हजारों समर्थक मौजूद थे.
इस अधिसूचना में समिति के कार्यों का ब्यौरा देने के साथ ही उन 10 सदस्यों के नाम भी शामिल हैं जिनकी अध्यक्षता वित्त मंत्री कर रहे हैं. समिति में सरकार की तरफ से कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, टेलिकॉम मंत्री कपिल सिब्बल, गृह मंत्री पी चिदंबरम और जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद शामिल हैं. इनके अलावा नागरिक प्रतिनिधि के रूप में अन्ना खुद तो हैं. उनके अलावा मशहूर वकील शांति भूषण और प्रशांत भूषण, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ट जज संतोष हेगड़े और सूचना अधिकार कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं शांति भूषण इस समिति के सह अध्यक्ष होंगे.
इस मौके पर मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा,"हमने सरकार से इस मामले में आदेश देने को कहा था सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाकर अधिसूचना जारी कर दिया है."
अन्ना हजारे ने इसी महीने की पांच तारीख से भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना आंदोलन शुरू किया. उनकी मांग थी कि जन लोकपाल बिल को तुरंत लागू किया जाए जिससे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिक अधिकार मिल सके. अन्ना की इस मुहिम को पूरे देश से जबर्दस्त समर्थन मिला और देखते ही देखते एक जनआंदोलन खड़ा हो गया. आखिरकार सरकार को उनकी मांग के आगे झुकना पड़ा और शुक्रवार रात उनकी मांगें मानने का एलान कर दिया गया.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः उभ