लोकपाल समिति की बैठक आज, अन्ना हाजिर
१५ जून २०११पिछले दिनों कांग्रेस और नागरिक समाज के बीच लोकपाल बिल को लेकर गंभीर मतभेद उभरकर सामने आए. दोनों ने एक दूसरे पर कड़ी टिप्पणियां कीं. लेकिन बैठक में हिस्सा लेने की बात पर हजारे ने कहा कि बातचीत से ही समस्याएं सुलझाई जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार और समाज एक ही सिक्के के दो पहलू हैं इसलिए दोनों को साथ काम करने से परेशानी नहीं होनी चाहिए.
अन्ना हजारे ने कहा कि वह किसी पार्टी विशेष के साथ नहीं हैं. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि विभिन्न राजनीति पार्टियों में यही फर्क है कि कोई भ्रष्टाचार में ग्रैजुएट है तो किसी ने पीएचडी कर रखी है.
नरम पड़े अन्ना
अन्ना हजारे की मांग है कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के अधीन लाया जाए जबकि कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. कांग्रेस ने मंगलवार को भी अन्ना हजारे पर हमला जारी रखा. पार्टी प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि एक व्यक्ति अपनी राय थोपने की कोशिश कर रहा है और यह अलोकतांत्रिक है. द्विवेदी ने कहा कि सारे फैसले लोकतांत्रिक तरीके से लिए जाएंगे और सभी को राष्ट्रहित में मिलकर काम करना चाहिए.
बुधवार को अन्ना हजारे का जन्मदिन है. 74 साल के हो रहे हजारे ने कहा, "हमें लगता है कि सरकार ने हमारी कुछ मांगें मान ली हैं लेकिन अब भी बहुत कुछ करना बाकी है. लेकिन अभी 30 जून तक का वक्त है."
लोकपाल मसौदा समिति की पिछली बैठक 30 मई को हुई थी. लेकिन इस बीच हालात काफी बदल चुके हैं. बाबा रामदेव के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने नागरिक समाज और सरकार के बीच दरार को बढ़ा दिया है. एक वक्त तो अन्ना हजारे और नागरिक समाज के अन्य प्रतिनिधियों ने समिति की बैठक का बहिष्कार करने ही धमकी दे डाली थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम