वर्ल्ड कप सचिन को सबसे बड़ा तोहफाः धोनी
२ फ़रवरी २०११पिछले 21 साल के करियर में सचिन ने बल्लेबाज के तौर पर हर संभव कामयाबी पा ली है. लेकिन इस दौरान वह पांच बार वर्ल्ड कप खेल चुके हैं फिर भी भारत यह खिताब नहीं जीत पाया है. और धोनी का कहना है कि उनकी टीम हर संभव कोशिश करेगी कि यह काम भी मुमकिन हो जाए. सचिन अब 38 साल के हो रहे हैं और समझा जाता है कि यह उनका आखिरी वर्ल्ड कप होगा.
धोनी ने दिल्ली में कहा, "हम सब उनसे बहुत प्यार करते हैं. हो सकता है कि यह उनका आखिरी वर्ल्ड कप हो, हालांकि हम तो चाहते हैं कि अभी वे और भी वर्ल्ड कप खेलें. लेकिन सच पूछा जाए तो यह असंभव दिखता है. इसलिए उनके लिए सबसे बड़ा तोहफा वर्ल्ड कप ही हो सकता है."
टीम इंडिया के कप्तान का कहना है कि कप्तानी संभालते ही 2007 का ट्वेन्टी 20 वर्ल्ड कप जीतना उनके करियर की अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है. लेकिन वह इस बार के वर्ल्ड कप के बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ इतना भरोसा दे सकता हूं कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे. हम एक वक्त में एक ही मैच के बारे में सोचेंगे. इसलिए अभी मैं सिर्फ बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले मैच के बारे में सोच रहा हूं." इस साल के वर्ल्ड कप के दौरान भारत को बांग्लादेश से 19 फरवरी को ढाका में पहला मैच खेलना है.
इस बार के वर्ल्ड कप में बदलाव किया गया है. कुल 14 टीमों को दो ग्रुप में बांटा गया है और दोनों ग्रुप के शीर्ष चार टीमों को क्वार्टर फाइनल में जगह मिलेगी. पिछली बार सुपर 16 का नियम था, जिसकी वजह से भारत पहले दौर में ही छंट गया था.
धोनी ने इस नियम की तारीफ करते हुए कहा, "इससे हमें राहत मिली है. अगर आप एकाध मैच हार भी गए तो भी क्वार्टर फाइनल में पहुंच सकते हैं." हालांकि उन्होंने कहा कि जो लगातार अच्छा क्रिकेट खेलेगा, जीत उसी की होगी.
भारतीय कप्तान टीम में चुने गए 15 खिलाड़ियों के प्रदर्शन से खुश हैं. उनका कहना है, "मैं टीम से खुश हूं. मुझे पता है कि इसमें सिर्फ मैं ही विकेटकीपर हूं. लेकिन अगर मुझे कुछ होता है तो हम किसी भी वक्त दूसरे विकेटकीपर को बुला सकते हैं. भारत में ऐसा होता रहा है. लेकिन एक विकेटकीपर होने से टीम को मजबूत करने में मदद मिली है."
इस बार के वर्ल्ड कप के आखिरी आठ मैचों से विवादित अंपायर रिव्यू सिस्टम लागू हो रहा है. धोनी का कहना है कि टीमों को इस बारे में तैयारी करनी चाहिए. उन्होंने कोलकाता में नहीं खेल पाने का भी अफसोस जताया. कोलकाता का ईडेन गार्डेन पूरी तरह तैयार नहीं हो पाया है और भारत तथा इंग्लैंड के बीच होने वाले मैच को चिन्नास्वामी स्टेडियम में कराने का फैसला किया गया है.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य