1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

विंबलडन में विलियम्स विलियम्स

८ जुलाई २०१२

संघर्ष तो सेरेना के खून में है लेकिन शनिवार की जीत ने यह भी साबित किया कि हर अंधेरी रात का सीना चीर कर चमकना उन्हें आता है. पांचवी बार विंबलडन की ट्रॉफी उठाए सेरेना के प्रतिद्वंद्वी जान गए हैं, खेल अभी बाकी है.

https://p.dw.com/p/15TYf
तस्वीर: picture-alliance/dpa

सत्रह महीने पहले सेरेना के फेफड़ों में क्लॉटिंग का पता चला था और उनके जीवन पर संकट आ गया था. लेकिन शनिवार को एग्निएस्का रादवांस्का को परास्त किया तो साफ हो गया कि वो पहले से और मजबूत हो कर लौटी हैं. शनिवार का विंबलडन उनका 14वां ग्रैंड स्लैम खिताब है. सेरेना यहीं पर नहीं रुकीं, महिलाओं का सिंगल्स खिताब जीतने के बाद उन्होंने बहन वीनस के साथ डबल्स का खिताब भी अपने नाम कर लिया. विलियम्स बहनों की जोड़ी ने चेक गणराज्य की एंड्रिया ह्लावाकोवा और लूसी ह्राडेका की जोड़ी को 7-5, 6-4 से हराया.

खिताब जीतने के बाद भावुक सेरेना ने डबडबाई आंखों के साथ रुंधे गले से कहा, "मैं इसे बयां नहीं कर सकती. मैं कुछ साल पहले यह नहीं कर पाई थी. मैं अस्पताल में थी लेकिन अब फिर मैं यहां हूं और यह अनमोल है, मैं बहुत खुश हूं. मैंने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं फिर यहां आ सकूंगी."

Tennis Wimbledon Serena Williams USA
तस्वीर: AP

कोर्ट पर प्रतिद्वंद्वियों को परास्त करती सेरेना कोर्ट से बाहर लगातार शारीरिक परेशानियों से जूझती रही हैं. जुलाई 2010 में विंबलडन के रूप में 13वां ग्रैंड स्लैम जीतने के बाद म्युनिख के एक रेस्तरां में उनका पैर कांच के टुकड़े से जख्मी हो गया. इसके बाद फेफड़ों में क्लॉटिंग की समस्या हुई. इसके पहले शारीरिक समस्याएं आती रही हैं.

वैसे 30 साल की सेरेना के लिए शनिवार का दिन पूरी तरह उनका था. सिंगल्स में जीत के साथ ही उन्होंने अपनी बहन वीनस के पांच विंबलडन खिताबों की बराबरी कर ली है. मार्टिना नाव्रातिलोवा के बाद सेरेना ही एकमात्र ऐसी खिलाड़ी हैं जो इस उम्र में यह करिश्मा कर पाई हैं. विंबलडन की जीत ने पिछले मुकाबलों में मिली हार का गम भुला दिया है. केवल पांच हफ्ते पहले ही फ्रेंच ओपन के पहले ही दौर में बाहर होने के बाद उनकी वापसी पर सवाल उठ रहे थे. ऐसा पहली बार हुआ था कि वो किसी ग्रैंड स्लैम मुकाबले के पहले दौर में बाहर हुईं.

Serena Williams Wimbledon 2012
तस्वीर: AP

विंबलडन के इतिहास में अब तक के सबसे ज्यादा इकतरफे मुकाबलों में से एक में रादवांस्का को परास्त कर सेरेना ने टेनिस से उनकी विदाई के बारे में सोचने वालों का मुंह बंद कर दिया है. रादवांस्का के जीतने की उम्मीद तो पहले से ही बहुत कमजोर लग रही थी क्योंकि वह इससे पहले सेरेना से कभी कोई सेट नहीं जीत सकी हैं. हालांकि करियर के सबसे बड़े मुकाबले के लिए पोलिश खिलाड़ी ने काफी मेहनत की थी. लंदन की बारिश और मौसम के बिगड़े मिजाज ने रादवांस्का को सांस की तकलीफ दे कर उनकी मुश्किल बढ़ा दी. शनिवार को सेंटर कोर्ट पर नमी से भरे ठंडे माहौल में ऐसा कुछ भी नहीं था जो उनका मूड बनाता. सेरेना ने पहले सेट में जैसे ही रादवांस्का से एक अंक की बढ़त ली. ट्वीटर पर किसी प्रशंसक ने लिख दिया, "यह फाइनल तो केतली को ऑन करने से पहले ही पूरा हो जाएगा."

पहला सेट खत्म होते ही बारिश की बूंदे गिरने लगीं और कुछ देर के लिए दर्शकों को बाहर जाना पड़ा. थोड़ी देर की रुकावट सेरेना के बौछार के आगे कहीं नहीं टिकी और खेल शुरू होते ही उन्होंने 4-2 की बढ़त ले ली. इसके बाद अचानक रादवांस्का ने जोर लगाया और धुआंधार खेल दिखा कर 4-4 से बराबरी कर ली. 23 साल की रावदांस्का ने लंबे लंबे शॉट मारे लेकिन जब सेरेना ने बैकहैंड का जलवा दिखाया तो दूसरे सेट में ही प्रतिद्वंद्वी ने घुटने टेक दिए. इसके साथ ही मैदान दर्शकों की ताली और शोर से गूंज उठा.

रावदांस्का ने हार के बाद कहा, "मैं अब भी कांप रही हूं. मेरा ख्याल है कि यह मेरे जीवन के सबसे शानदार दो हफ्ते थे. आज वह जरूरत से ज्यादा बेहतर थी, लेकिन मैं फिर भी खुश हूं कि यहां फाइनल तक पहुंची. आज का दिन मेरा नहीं था लेकिन मैं अगले साल फिर कोशिश करूंगी."

एनआर/एमजी(रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें