विदेशी सैलानियो के लिए ई टॉयलेट
१० अक्टूबर २०१०यूरोपीय देशों में दशकों पहले शुरू हुए इस चलन को अब केरल सरकार का पर्यटन विभाग अपना रहा है. यूरोप के कई देशों में ई टॉयलेट सामुदायिक सेवा का जरूरी हिस्सा हैं. पर्यटन विभाग का कहना है कि ये आधुनिक टॉयलेट अब भारत के बड़े शहरों के लिए भी कोई नई चीज नहीं हैं.
पूरी तरह से ऑटोमैटिक और कम जगह में बनाए जाने वाले ये आधुनिक शौचालय बिजली की उर्जा और कई मशीनों की मदद से काम करते हैं. इनके लिए उर्जा सोलर प्लेट से भी हासिल की जा सकती है और बिना किसी इंसान की सहायता लिए इनकी सफाई की जा सकती है. पर्यटन विभाग ने राज्य में ई टॉयलेट लगवाने का काम डी सेलेरा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सौंपा है. स्थानीय निकायों की मदद से राजधानी तिरुअनंतपुरम में कई जगहों पर ये खास शौचालय बनवाए जाएंगे. राज्य के दूसरे शहरों में यह काम बाद में शुरू होगा.
कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक इन शौचालयों में कई नई सुविधाएं होंगी जिनमें साफ सफाई से लेकर खुद से दरवाजा खोलना और इस्तेमाल करने वाले से शुल्क के रूप में सिक्का जमा करने की तकनीक भी शामिल है. सिक्का डालते ही दरवाजा खुल जाएगा और रोशनी के साथ ही एग्जॉस्ट फैन भी चालू हो जाएगा. इस्तेमाल के बाद फ्लश खुद चलेगा. साथ ही फर्श की सफाई भी अपने आप ही हो जाएगी.
पर्यावरण के हिसाब से मुफीद इन शौचालयों को बनना राज्य में स्वच्छता के लिए चलाए जा रहे सरकार के कार्यक्रमों की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. केरल में कई बड़े होटल और दूसरी सुविधाएं तो हैं लेकिन बढ़िया सामुदायिक सेवाओं की कमी की शिकायत आती रही है. ई टॉयलेट इन्हीं शिकायतों को दूर करने की एक कोशिश है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनःए कुमार