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शरणार्थियों पर भिड़े फ्रांस और इटली

१८ अप्रैल २०११

यूरोपीय संघ के देशों के बीच ट्यूनीशियाई शरणार्थी विवाद बढ़ता जा रहा है. रविवार को फ्रांस ने इटली से आने वाली यात्री ट्रेन को अस्थाई रूप से रोक दिया. इटली ने फ्रांस के इस कदम की कड़े शब्दों में आलोचना की.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

उत्तरी अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया से आए हजारों शरणार्थियों को इटली ने अस्थाई निवास की अनुमति दे दी है. इसके तहत शरणार्थी अब शेनगन समझौते से जुड़े 15 यूरोपीय देशों में आ जा सकेंगे. लेकिन इटली के इस कदम ने फ्रांस और जर्मनी को भड़का दिया है.

आलोचनाओं के बाद रविवार को फ्रांस और इटली खुलकर भिड़ गए. फ्रांस ने इटली की एक पैसेंजर ट्रेन को सीमा पर ही अस्थाई रूप से रोक दिया. हालांकि बाद में फ्रांस ने ट्रेन को आने दिया, लेकिन इस कदम ने इटली को नाराज किया. इटली के विदेश मंत्री फ्रांको फ्रातिनी ने पेरिस स्थित अपने दूतावास को सख्ती से नाराजगी जताने का आदेश दिया. विदेश मंत्री ने कहा कि इटली इस मुद्दे पर फ्रांस सरकार से सफाई चाहता है. इटली सरकार ने ट्रेन रोके जाने की घटना को गैरकानूनी करार दिया है. यह भी कहा गया है कि फ्रांस की कार्रवाई यूरोपीय संघ के सिद्धांतों के खिलाफ है.

इटली शरणार्थी विवाद पर यूरोपीय संघ से भी मदद चाहता है. रोम की दलील है कि शरणार्थी समस्या से निपटने में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को उसकी मदद करनी चाहिए. इटली ने उत्तरी अफ्रीकी देशों से आ रहे शरणार्थियों को छह महीने का वीजा देने का फैसला किया है. वीजा पाने वाले शरणार्थी कानूनी रूप से शेनेगन क्षेत्र में घूमने या रहने के हकदार हैं.

फ्रांस के अधिकारियों का कहना है कि वह सिर्फ पासपोर्ट धारक ट्यूनीशियाई शरणार्थियों को ही अपने देश में आने की अनुमति देंगे. ऐसे शरणार्थियों को यह भी साबित करना होगा कि फ्रांस में रहने के लिए उनके पास पर्याप्त आर्थिक संसाधन हैं. इटली के एक अखबार का कहना है कि रोम के अधिकारी शरणार्थियों से पासपोर्ट नहीं मांग रहे हैं. हर दिन करीब 100 लोगों को वीजा दिया जा रहा है.

Italien Flüchtlinge auf Lampedua Ministerpräsident Silvio Berlusconi Demonstration
इटली में स्थानीय लोग शरणार्थियों के आने का विरोध भी कर रहे हैंतस्वीर: AP

यूरोपीय संघ के अध्यक्ष हेरमन फान रॉम्पुए ने भी स्वीकार किया है कि शरणार्थियों को लेकर सदस्य देशों के बीच आपसी समस्याएं खड़ी हो रही हैं. उन्होंने सदस्य देशों से शरणार्थियों से संबंधित खतरे को बढ़ा चढ़ा कर पेश न करने की भी अपील की. रॉम्पुए ने कहा, ''अभी तक इटली और फ्रांस ने कुछ भी गैरकानूनी काम नहीं किया है. लेकिन मुक्त आवाजाही के लिए शेनगन संधि का सम्मान न करने की भावना का खतरा है.''

जर्मनी भी इस मुद्दे पर इटली की आलोचना कर चुका है. जर्मन राज्य बवेरिया के आतंरिक मंत्री योआखिम हेरमान ने कहा कि वह फ्रांस की नाराजगी समझ सकते हैं. उनके मुताबिक इटली का वीजा बांटने का फैसला शेनगन संधि के सिद्धांतों और उसकी भावना के खिलाफ है.

ट्यूनीशिया, लीबिया और सीरिया में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू होने के बाद से ही इटली में शरणार्थियों का तांता लगा हुआ है. ट्यूनीशिया से ही अब तक करीब 25,000 शरणार्थी इटली आ चुके हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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