शेन वॉर्न के करिश्माई कोच का निधन
२६ मई २०११पिछले साल अप्रैल में जब जेनर इंग्लैंड में युवा खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे थे, तभी उन्हें जबरदस्त दिल का दौरा पड़ा और इसके बाद वह कभी उबर नहीं पाए. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बताया कि 25 मई को अपने घर पर उनका निधन हो गया.
शेन वॉर्न को स्पिन की बारीकी सिखाने के अलावा जेनर की चर्चा दो साल तक जेल काटने के लिए भी होती है. उन्हें जुआ खेलने की लत थी और इसी वजह से 1988 में उन्हें जेल जाना पड़ा. उन्हें 20 साल पुराने मामले में सजा मिली थी.
लेकिन जेल से निकलने के बाद जेनर बदले हुए इंसान थे. 1990 के दशक के शुरुआती सालों में वॉर्न ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा और इसके कुछ ही दिनों बाद उन्हें जेनर से मिलने का मौका मिला. जेनर ने खुद भी पिछले साल कहा, "शेन के साथ काम करने के बाद सब कुछ बदल गया." उनका नाम सम्मान से लिया जाने लगा और लोग उन्हें पसंद करने लगे. जेनर ऑस्ट्रेलिया की तरफ से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुके हैं और नौ टेस्ट मैचों में उन्होंने 24 विकेट लिए हैं.
लेकिन उनकी पहचान उनकी दूसरी पारी में हुई, जब उन्होंने वॉर्न को क्रिकेट इतिहास के सबसे खतरनाक बॉलर के तौर पर तैयार किया. उनके निधन पर क्रिकेट बिरादरी ने शोक संदेश भेजे हैं. वॉर्न ने ट्विटर पर लिखा, "यह मेरे लिए बेहद दुखद दिन है. मैंने टीजे के निधन की खबर सुनी है. उन्होंने अपना बहुत सारा समय क्रिकेट को दिया. वह शानदार व्यक्ति थे. उनके पास बहुत जानकारी थी और वह इसे बांटना चाहते थे. थैंकयू टीजे."
वॉर्न के साथ काम करने के बाद जेनर के लिए दूसरे रास्ते भी खुले. वह ऑस्ट्रेलिया में कमेंटेटर के तौर पर भी स्थापित होने लगे. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलेन बॉर्डर का कहना है, "शेन वॉर्न पर जेनर का बहुत प्रभाव है. उनके बारे में इससे ज्यादा कहे जाने की जरूरत नहीं."
वॉर्न के अलावा जेनर ने भारत के महान गेंदबाज अनिल कुंबले को भी गुर सिखाए थे. 2003 में जब कुंबले गेंद के साथ बहुत अच्छा नहीं कर पा रहे थे, तो जेनर ने उन्हें कुछ टिप्स दिए और बाद में ऑस्ट्रेलिया दौरे में अनिल कुंबले ने तहलका मचा दिया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः एस गौड़