सख्त शासक पर शानदार फिल्म
१० फ़रवरी २०१२स्ट्रीप ने फिल्म में थैचर की छाप छोड़ दी है. उन्हें देख कर बार बार थैचर की याद आ जा रही है और उन्हें इसका सम्मान भी मिल रहा है. जर्मनी के प्रतिष्ठित फिल्म समारोबह बर्लिनाले में उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिल रहा है.
इस किरदार को निभाने के लिए स्ट्रीप को काफी मेहनत भी करनी पड़ी. उनकी तरह कपड़े पहनना, बालों का स्टाइल बनाना, उसे संभालना, बोल चाल की शैली और रहन सहन पर उन्होंने खास ध्यान दिया. थैचर ने 11 साल तक ब्रिटेन की प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी और इस दौरान एक सख्त राष्ट्राध्यक्ष बन कर उभरी थीं. स्ट्रीप 62 साल की हैं जबकि 87 साल की थैचर ने जब पद छोड़ा, वह 65 की थीं. यानी स्ट्रीप ने लगभग अपने उम्र की थैचर की कहानी कही है.
बर्लिनाले के निदेशक डिटर कोसलिक कहते हैं, "मेरिल स्ट्रीप एक शानदार अभिनेत्री हैं, जिनमें प्रतिभा कूट कूट कर भरी है. उन्होंने नाटकीय और मजाहिया किरदार तो निभाए ही हैं, गंभीर किरदारों को भी बखूबी निभाया है."
फिल्म की आलोचना भी
बड़ी शख्सियतों पर बनी फिल्म मीन मेख के बिना नहीं रह पाती. द आयरन लेडी पर भी कई जगहों पर सवाल उठाए जा रहे हैं. ब्रिटेन के मौजूदा प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने फिल्म में थैचर की भूल जाने वाली बीमारी डिमेंशिया का जिक्र करने पर एतराज जताया है. कैमरन कहते हैं कि थैचर अभी जीवित हैं और इस पक्ष को नजरअंदाज किया जा सकता था. हालांकि कैमरन ने स्ट्रीप के अभिनय की तारीफ की. कुछ आलोचकों का कहना है कि फिल्म में 1980 के दशक में कोयला खनिकों के मामले सहित कुछ और महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी लीपापोती की गई है. थैचर के मंत्रिमंडल के सहयोगी और उनके विरोधियों ने भी फिल्म देखने के बाद कहा कि स्ट्रीप की भूमिका और अन्य विषयों पर लंबी बहस की जरूरत है.
अर्जेंटीना में तारीफ
फिल्म और स्ट्रीप के अभिनय को अर्जेंटीना में भी सराहा गया है. 2 अप्रैल 1982 को ब्रिटेन ने फॉकलैंड द्वीप पर कब्जा कर लिया. इस पर अर्जेंटीना भी अधिकार जताता है. 74 दिन चली लड़ाई में अर्जेंटीना के 649 और ब्रिटेन के 255 सैनिकों को जान गंवानी पड़ी. उसके बाद से ही अर्जेंटीना में ब्रिटेन और खास कर थैचर का विरोध होता आया है. लेकिन द आयरन लेडी को अर्जेंटीना में पसंद किया जा रहा है.
केमिकल फैक्ट्री के रिटायर कर्मचारी एलिका फिशर ने फिल्म देखने के बाद कहा कि फिल्म में थैचर की बूढ़ी औरत की छवि उन्हें उदास कर रही है. यह जबरदस्त एकांत भी सत्ता के साथ आता है. फिशर ने कहा कि ब्रिटेन ने 1982 में अर्जेंटीना से युद्ध कर उसकी जमीन पर कब्जा किया था. यहां के ज्यादातर लोगों का मानना है कि वह एक बेहद बड़ी भूल और सैनिक तानाशाही थी. पर यहां के लोग अब भी मानते हैं कि यह द्वीप अर्जेंटीना का हिस्सा है.
फिशर के अनुसार, "मैंने हमेशा से ब्रिटेन को दुश्मन के रूप में ही देखा. लेकिन इस फिल्म के बाद थैचर के बारे में उनका नजरिया बदल गया." फिशर ने कहा कि थैचर के लिए सब कुछ आसान नहीं था. पुरुष प्रधान समाज में राजनीति करना और कंजर्वेटिव पार्टी की नेता और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचना. पर थैचर ने सब कुछ हासिल किया.
अदाकारी के 35 साल
द आयरन लेडी के साथ मेरिल स्ट्रीप अपनी अदाकारी के 35वें वर्ष में प्रवेश कर गई हैं. 22 जून 1949 में अमेरिका के न्यू जर्सी में जन्मी स्ट्रीप ने फिल्मी सफर 1977 में शुरू किया. पहली ही फिल्म में अवार्ड पाने वाली स्ट्रीप ने फिर मुड़ कर नहीं देखा. एक के बाद एक बेहतरीन फिल्में उन्हें मिलती रहीं और साथ में मिलते रहे अवार्ड. करियर के शुरू में ही 1978 में उन्होंने डान गुमेर स्ट्रीप से शादी कर ली. पति और चार बच्चों कि जिम्मेदारी निभाते हुए भी उन्होंने करियर की बुलंदियों को छुआ.
दो ऑस्कर, आठ गोल्डन ग्लोब
स्ट्रीप को फिल्मों में बेहतरीन अदाकारी के लिए 26 बार गोल्डन ग्लोब और 17 बार ऑस्कर पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया है. इनमें से दो बार वे ऑस्कर जीतीं और आठ बार उन्होंने गोल्डन ग्लोब पर कब्जा किया. तलाक से पति पत्नी पर पड़ने वाले प्रभाव पर बनी उनकी फिल्म क्रेमर वर्सेस क्रेमर यादगार है. उनकी सोफीज च्वाइस की भी खूब तारीफ हुई. इसमें उन्होंने पोलैंड से अमेरिकी शहर ब्रुकलिन जाने वाली महिला की भूमिका निभाई है.
रिपोर्टः जितेन्द्र व्यास
संपादनः ए जमाल