समलैंगिकता बीमारी हैः गुलाम नबी आजाद
५ जुलाई २०११दिल्ली के विज्ञान भवन में एचआईवी/एड्स पर एक सम्मेलन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "आदमी के साथ आदमी के सेक्स की बीमारी विकसित देशों में ज्यादा पाई जाती है, दुर्भाग्य से यह भारत तक पहुंच गई है और अब यहां भी इस तरह के लोगों की संख्या काफी ज्यादा हो गई है." आजाद ने कहा, "हालांकि यह स्वाभाविक नहीं है फिर भी ये हमारे देश में मौजूद है और तेजी से फैल रहा है. इस वजह से इसकी पहचान कर पाना भी काफी मुश्किल है."
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, "महिला यौनकर्मियों को ढूंढना मुश्किल नहीं है या फिर उन्हें एचआईवी एड्स के बारे में जानकारी दी जा सकती है लेकिन समलैंगिकों पुरुषों को ढूंढना काफी मुश्किल काम है." स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान पर मुमकिन है कि फिर से एक नई बहस तेज होगी. समलैंगिकता को देश में मान्यता दिलाने के लिए कुछ लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ी है. इन लोगों को इस बात पर कठोर आपत्ति है कि समाज में समलैंगिक लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया जाए या फिर इसे बीमारी समझा जाए.
स्वास्थ्य मंत्री ने यौन शिक्षा को देश में और ज्यादा खुला बनाने की मांग की जिससे कि एचआईवी के खतरे को कम किया जा सके. आजाद ने कहा, "हम लोग यौन शिक्षा के मामले में पश्चिमी देशों के मुकाबले पिछड़ रहे हैं. सेक्स के बारे में बातचीत नहीं की जाती जिस वजह से ये एड्स की महामारी बढ़ती जा रही है."
आजाद ने एड्स की जोखिम वाले लोगों के बीच कॉन्डोम के प्रचार के अलावा यौन शिक्षा के साथ ही यौन संबंधों से फैलने वाली बीमारियों के बारे में लोगों की जागरूकता बढ़ाने की अपील की. यौनकर्मियों और ऐसे लोगों को जिनमें इस बीमारी के फैलने का खतरा उन तक इससे जुड़ी जानकारियों को पहुंचाने की जरूरत पर स्वास्थ्य मंत्री ने जोर दिया.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ए जमाल