सरबजीत नहीं सुरजीत की रिहाई
२७ जून २०१२पाकिस्तान में फांसी की सजा काट रहे भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की रिहाई की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए पाकिस्तान ने स्पष्ट किया है कि तीन दशक से कैद दूसरे भारतीय कैदी सुरजीत सिंह को रिहा किया जा रहा है. मंगलवार को पाकिस्तानी मीडिया ने कहा था कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सरबजीत सिंह की फांसी की सजा को आजीवन कैद की सजा में बदल दिया है और जेल की सजा पूरी होने की हालत में उन्हें रिहा करने के निर्देश दिए हैं. अब पाकिस्तानी मीडिया ने मंगलवार देर रात आए सरकार के स्पष्टीकरण को यू टर्न बताया है.
राष्ट्रपति जरदारी के प्रवक्ता फरहतुल्लाह बाबर ने भारतीय समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "मैं समझता हूं कि कुछ भ्रम है. पहला यह कि यह क्षमादान का मामला नहीं है. और सबसे महत्वपूर्ण बात कि यह सरबजीत नहीं हैं. यह सुरजीत सिंह वल्द सुच्चा सिंह हैं. उनकी मौत की सजा 1989 में राष्ट्रपति इसहाक खान ने तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की सिफारिश पर उम्र कैद की सजा में बदल दी थी."
बाबर ने कहा कि पाकिस्तान के कानून मंत्री फारुक नायक ने गृह मंत्रालय को सूचित किया है कि सुरजीत सिंह ने अपना आजीवन कारावास पूरा कर लिया है और उन्हें रिहा कर भारत वापस भेजा जा सकता है. उन्हें जेल में बंद रखना अवैध हिरासत होगा. राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा कि इस पूरे मामले में राष्ट्रपति की चर्चा अप्रासंगिक है.
अपनी रिपोर्ट में डाउन न्यूज ने बुधवार को कहा है कि सरकार ने अप्रत्याशित रूप से सरबजीत की रिहाई के मामले में यू टर्न लिया है और कहा है कि रिहाई के आदेश सुरजीत सिंह के लिए दिए गए हैं सरबजीत सिंह के लिए नहीं. लाहौर की कोट लखपत जेल में कैद में सुरजीत सिंह 30 साल से पाकिस्तानी हिरासत में हैं. उन्हें जिया उल हक के सैनिक शासन के दौरान सीमा के निकट पकड़ा गया था और जासूसी का आरोप लगाया गया था.
49 वर्षीय सरबजीत सिंह भी कोट लखपत जेल में सजा पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं. उन्हें 1990 में पंजाब प्रांत में हुए कई धमाकों में भागीदारी के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है. इन धमाकों में 14 लोग मारे गए थे. सरबजीत सिंह को 2008 में फांसी दिए जाने की तैयारी पूरी हो गई थी लेकिन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के हस्तक्षेप के बाद उस पर रोक लग गई थी. उनके परिवार वालों का कहना है कि वे नींद में सीमा पार कर गए थे और पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया था.
नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने सुरजीत सिंह की रिहाई के लिए उठाए गए कदमों के लिए राष्ट्रपति जरदारी का शुक्रिया अदा किया और सरबजीत सहित पाकिस्तान की जेलों में बंद सभी भारतीय कैदियों की रिहाई की अपील की. एक महीने पहले भारत में दो दशकों से हत्या के आरोप में कैद पाकिस्तानी चिकित्सक खलील चिश्ती को सुप्रीम कोर्ट ने परिवार वालों से मिलने के लिए जमानत पर रिहा किया था.
एमजे/एएम (पीटीआई)