सानिया ने शोएब को दिया जीत का श्रेय
१८ नवम्बर २०१०कई चोटों के कारण विश्व रैंकिंग में फिसल कर 166वें स्थान पर पहुंची सानिया को 6-1, 6-0 से जीत दर्ज करने में एक घंटा भी नहीं लगा. इस तरह उनकी बीमारी का कोई संकेत नहीं दिखता जिसकी वजह से वह महिला टीम स्पर्धा में हिस्सा नहीं ले सकीं. 2006 में दोहा के एशियाई खेलों में एक गोल्ड और दो सिल्वर पदक जीतने वाली सानिया कहती हैं, "मैं पिछले दो हफ्तों से ठीक नहीं थी. मैं टीम इवेंट में शामिल नहीं हो सकी. लेकिन अब अच्छा महसूस कर रही हूं. मेरे पति आज यहां आए हैं. इससे मुझ में आत्मविश्वास आया और अच्छा लग रहा है."
सानिया का अगला मुकाबला चीन की छठी वरीयता प्राप्त चांग शुआई से होगा जिन्होंने सिर्फ 33 मिनट में नेपाल की मलिका राना को हरा दिया. दरअसल चीनी और नेपाली खिलाड़ी के बीच मैच में कोई मुकाबला ही नहीं दिखा. क्वांगचो ओपन में सानिया को हराने वाली और विश्व रैंकिंग में 91वें स्थान पर मौजूद चांग का कहना है, "सानिया बहुत दमदार प्रतिद्वंद्वी है और हम उनका सम्मान करते हैं."
उधर एकल मुकाबलों के एक अन्य शुरुआती मैच में चीन की चौथी वरीयता प्राप्त फेंग शुआई ने नेपाल की असलेशा लिसानेविच को सिर्फ 31 मिनट में 6-0, 6-0 से हरा दिया. ली ना के साथ महिला टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली फेंग ने कहा, "इस तरह नौसिखिए खिलाड़ी के साथ खेलना अजीब लगता है." टीम स्पर्धा के बारे में फेंग का कहना है, "यह आसान नहीं थी. मैंने काफी दबाव महसूस किया जो राष्ट्रीय खेलों से कहीं ज्यादा है. जब मैं फाइनल में खेल रही थी. मैंने महसूस किया कि मेरे हाथ कांप रहे थे."
रिपोर्ट: एजेंसियां/ए कुमार
संपादन: प्रिया एसेलबोर्न