"सीरिया के हमा में टैंकों का कहर"
३१ जुलाई २०११शहर के बाशिंदे एक डॉक्टर ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि शहर के उत्तरी हिस्से में फारस अल नईम नाम का एक युवक बमबारी में मारा गया. रॉयटर्स समाचार एजेंसी को डॉक्टर ने फोन पर बताया, "टैंक चार तरफ से हमला कर रहे हैं. वे भारी मशीनगनों से अंधाधुंध गोलियां चला रहे हैं."
जब डॉक्टर फोन पर बात कर रहे थे, तब मशीनगन से गोलियों की आवाज सुनी जा सकती थी. उन्होंने कहाकि बद्र अस्पताल में कई घायलों को लाया गया है और वहां खून की भारी किल्लत है.
एक अन्य नागरिक ने कहा कि निशानेबाज सरकारी बिजली कंपनी और मुख्य जेल की छतों पर चढ़ गए हैं. शहर के पूर्वी हिस्से में बिजली काट दी गई है.
क्या है मामला
मिस्र और ट्यूनिशिया की क्रांतियों के बाद सीरिया में भी लोगों ने राष्ट्रपति बशर अल असद की सत्ता के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किए थे. वहां मार्च महीने से ही प्रदर्शन हो रहे हैं जिनमें असद के 11 साल से चले आ रहे शासन के अंत की मांग की जा रही है.
रिपोर्टों के मुताबिक असद सरकार इन प्रदर्शनों को कुचलने के लिए हिंसा का इस्तेमाल कर रही है. सीरियाई अधिकारियों ने ज्यादातर पत्रकारों को हमा शहर से निकाल दिया है जिस वजह से वहां की सही स्थिति की पुष्टि नहीं हो पा रही है.
क्यों अहम है हमा
हमा शहर सीरिया में कई बड़े बदलावों का गवाह रहा है. वहां 1982 में भी दमन का खूनी तांडव हुआ था. तब असद के पिता हाफिज अल असद देश के राष्ट्रपति थे. उन्होंने एक इस्लामिक क्रांति को कुचलने के लिए सेना भेजी थी. पूरे शहर को लगभग तबाह कर दिया गया था और 30 हजार लोगों का कत्ल हुआ था. यह सीरिया के आधुनिक इतिहास का सबसे बड़ा कत्ले आम था.
मार्च में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में भी हमा ने सक्रिय तौर पर हिस्सा लिया. असद की सरकार के खिलाफ वहां सबसे बड़े प्रदर्शन हुए जिसके बाद सरकारी सेना ने शहर को घेर लिया और उसका संपर्क बाकी देश से काट दिया. पिछले एक महीने से यह घेराबंदी जारी थी और रविवार को सेना ने शहर पर धावा बोल दिया.
क्या कहती है दुनिया
सीरिया में अमेरिका के राजदूत रॉबर्ट फोर्ड ने इसी महीने के शुरू में हमा का दौरा किया था. उन्होंने अपने दौरे को लोकतंत्र समर्थक शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के प्रति समर्थन जाहिर करने का संकेत बताया था.
कभी असद के मुख्य सहयोगी रहे तुर्की के प्रधानमंत्री तैयप एर्दोआन ने कहा था कि हम एक और हमा नरसंहार नहीं देखना चाहते. उन्होंने 45 वर्षीय राष्ट्रपति बशर अल असद को चेतावनी दी थी कि ऐसा कुछ हुआ तो परिणाम सख्त होंगे.
क्या कहती है सीरियाई सरकार
सीरिया के नेतृत्व का कहना है कि हमा में जो कुछ हो रहा है उसके पीछे हथियारबंद आतंकवादियों का हाथ है. विरोध प्रदर्शनों के दौरान 500 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी और सैनिक मारे जा चुके हैं. सरकार का कहना है कि ये हत्याएं आतंकवादियों ने की हैं.
एक संगठन आवाज के मुताबिक इन प्रदर्शनों के दौरान अब तक 1634 लोग मारे जा चुके हैं जिनका इल्जाम सरकारी सेना के सिर है. संगठन ने पिछले हफ्ते जारी एक रिपोर्ट में बताया कि 2918 लोग लापता हैं, 26 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से 12,617 अब भी हिरासत में हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन