सीरिया में अरब लीग के फैसले का हिंसक विरोध
१३ नवम्बर २०११आधिकारिक सूत्रों के हवाले से टेलीविजन ने कहा कि इस बैठक का मुद्दा होगा सीरिया की अशांति का अरब जगत में असर. हालांकि सीरिया में सुरक्षा बलों का प्रदर्शनकारियों पर कहर जारी है. रविवार को भी चार लोगों को गोली मार दी गई. ये लोग एक सरकारी रैली में राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ नारे लगा रहे थे. हमा शहर में यह रैली सरकारी अधिकारियों ने आयोजित की थी जिसका मकसद अरब लीग के फैसले के प्रति लोगों का गुस्सा दिखाना था.
नाराज हैं असद समर्थक सीरियाई
ऐसे ही कुछ गुस्साए लोगों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में सउदी अरब के दूतावास पर हमला किया. सउदी अरब ने इस घटना की निंदा की है. एसपीए न्यूज एजेंसी ने विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से कहा, "सीरियाई अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए. सउदी सरकार इस घटना की कड़ी निंदा करती है और इसके लिए सीरियाई अधिकारियों को जिम्मेदार मानती है क्योंकि सीरिया में सउदी हितों की रक्षा और सुरक्षा के लिए वही जिम्मेदार हैं."
सउदी दूतावास पर यह हमला शनिवार शाम हुआ. शनिवार को अरब लीग ने सीरिया के निलंबन का एलान किया. एसपीए के मुताबिक इस एलान के बाद कुछ देर बाद ही प्रदर्शनकारी दूतावास के बाहर जमा हो गए और पथराव करने लगे. वे परिसर में घुस गए और खिड़कियों के शीशे तोड़े व अन्य सामान को नुकसान पहुंचाया.
अरब लीग के फैसले के खिलाफ सीरिया के कई शहरों में प्रदर्शन हुए. दमिश्क में कतर के दूतावास के बाहर भी प्रदर्शन हुआ. एएफपी एजेंसी के एक फोटोग्राफर ने बताया कि प्रदर्शनकारी सीरिया के झंडे लहरा रहे थे. उन्होंने राष्ट्रपति बशर अल असद की तस्वीरें उठा रखी थीं और वे असद के समर्थन में नारे लगा रहे थे. कुछ प्रदर्शनकारियों ने जबरन इमारत के दरवाजे खोल दिए और वे भवन के ऊपर चढ़ गए. उन्होंने इमारत पर लगा कतर का झंडा उतार दिया और वहां सीरिया का झंडा लगा दिया. दूतावास के सुरक्षाकर्मियों ने उन पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया. कतर के राजदूत जुलाई महीने में ही दमिश्क से जा चुके हैं.
शनिवार को अरब लीग के विदेश मंत्रियों ने बैठक की और मतदान के बाद सीरिया को निलंबित कर दिया. एक हफ्ता पहले ही सीरिया हालात बेहतर करने के लिए कुछ कदम उठाने पर राजी हुआ था लेकिन उसने समझौते का पालन नहीं किया. इनमें एक बड़ा कदम असद की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल प्रयोग रोकना था. सीरिया सरकार को शहरों से सेना को वापस बुलाना था. लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. सीरिया में करीब आठ महीने से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक इन प्रदर्शनों पर बल प्रयोग में अब तक साढ़े तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
रिपोर्टः एएफपी/रॉयटर्स/वी कुमार
संपादनः एन रंजन