सेक्स की बीमारियों पर रिसर्च
२० जनवरी २०११मिसाल के तौर पर हालैंड के उट्रेष्ट विश्वविद्यालय के मार्सेल वाल्डिंगर व उनकी टीम को महिलाओं की एक अजीबोगरीब बीमारी का पता चला है. इसे रेस्टलेस जेनिटल सिंड्रोम कहा जा रहा है. बदन की मामूली सी हरकत उनके जननेंद्रिय में उत्तेजना पैदा होने लगती है. शुरू में तो उन्हें अच्छा लगता है, लेकिन लंबी अवधि में यह एक परेशानी बन जाती है और अक्सर वे विषाद का शिकार होने लगती हैं.
इसी प्रकार जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसीन में दो अध्ययन प्रकाशित किए गए हैं, जिनमें पुरुषों की एक रहस्यमय बीमारी के बारे में बताया गया है. इसके चलते कुछ पुरुषों में सेक्स के बाद बेहोशी छाने लगती है, वे बेहद कमजोर महसूस करने लगते हैं, बुखार आ जाता है व सिर में दर्द भी होता है. ये सारे लक्षण कुछ घंटों में दूर हो जाते हैं, लेकिन कई-कई दिनों तक जारी भी रह सकते हैं. इस बीमारी को पोस्ट ऑर्गैस्मिक इलनेस सिंड्रोम या पीओआईएस कहा गया है.
शुरू में वैज्ञानिकों को लगा कि इस रोग के मनोवैज्ञानिक कारण हैं. इस बीच मार्सेल वाल्डिंगर की टीम ने पहली बार साबित किया है कि अपने ही वीर्य से एलर्जी के कारण ऐसा होता है. 33 लोगों पर अपने ही एलर्जी की जांच के प्रयोग किए गए और 29 लोगों में एलर्जी के लक्षण पाए गए. वाल्डिंगर का कहना था कि इन प्रयोगों से इस रोग के इलाज की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल हुई है. दो रोगियों को बढ़ती हुई मात्रा में एलर्जी पैदा करने वाले तत्व दिए गए, और इस प्रकार उनका प्रतिरोध बढ़ता गया. एक रोगी एक साल बाद स्वस्थ हुआ, जबकि दूसरे रोगी को स्वस्थ होने में तीन साल लग गए. वैसे सिर्फ दो रोगियों के साथ किया गया प्रयोग कोई मानक नहीं हो सकता है. इस समय और अधिक रोगियों पर प्रयोग की कोशिशें जारी हैं.
अनुमान है कि 0.25 से एक फीसदी तक लोग इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं. कई लोग शर्म के मारे इसके बारे में नहीं बताते, या वे सोच भी नहीं सकते कि अपने ही वीर्य के कारण उन्हें यह तकलीफ है. वीर्य के कारण महिलाओं में एलर्जी पर भी शोध हो रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: ए जमाल