सेक्स पर पानी फेर देते हैं औरत के आंसू
८ जनवरी २०११इस्राएल के वाइजमन इंस्टीट्यूट में किए गए अध्ययन से पता लगता है कि औरत के आंसुओं में ऐसा रसायन होता है, जिससे मर्दों की सेक्स की चाहत कम हो जाती है. इसके बाद पुरुष का दिमाग थोड़ा उदास हो जाता है और उस औरत में दिलचस्पी कम हो जाती है.
इस रिसर्च को पूरा भी किया गया बड़े मजेदार अंदाज में. कुछ महिलाओं को 1979 की मशहूर दुखद अमेरिकी फिल्म द चैंप दिखाई गई, जिस दौरान उनका रो रो कर बुरा हाल हो गया. इन औरतों के आंसुओं को जमा किया गया और उन्हें 24 मर्दों पर आजमाया गया. कुछ मर्दों के नाक के नीचे इन औरतों के आंसू रखे गए और कुछ के नीचे नमक मिला साधारण पानी. उसके बाद उन्हें महिलाओं की तस्वीरें दिखाई गईं.
इस प्रयोग को दोहराया गया. दूसरी बार उन मर्दों को आंसू दिया गया, जिन्हें पहली बार पानी दिया गया था और जिन्हें पहले आंसू दिया गया था, उन्हें नमक मिला पानी मिला. रिसर्चरों ने पाया कि जिन पुरुषों ने औरतों के आंसू सूंघे, उन्होंने कहा कि औरतें उन्हें कम सेक्सी लग रही हैं.
आंसुओं को सूंघने के बाद मर्दों के टेस्टोटोरोन में 13 प्रतिशत की कमी आई, जबकि नमक वाला पानी सूंघने से कोई फर्क नहीं पड़ा. टेस्टोटोरोन पुरुषों में कामुकता से जुड़ा हार्मोन है. आंसू सूंघने के बाद उनके शरीर के तापमान, दिल और सांस लेने की गति पर भी असर पड़ा और वे कम हो गए. उनके दिमाग का एमआरआई भी किया गया और पाया गया कि सेक्स से जुड़ी तंत्रिकाओं का काम कमतर हो गया.
वाइजमन इंस्टीट्यूट में न्यूरोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर नोआम सोबेल का कहना है, "इस रिसर्च से पता चलता है कि चाहे हम जानते न हों, फिर भी मनुष्यों के रासायनिक संकेतों का असर दूसरों के बर्ताव पर पड़ता है."
अध्ययन के वक्त इस बात का खास ध्यान रखा गया कि आंसू और नमक मिले पानी में किसी तरह का फर्क न हो. रिसर्चरों ने कहा कि कोई भी पुरुष इन दोनों में फर्क नहीं बता पाया. इसकी एक खास वजह यह भी है कि आंसुओं में कोई महक नहीं होती.
हालांकि यह अध्ययन सिर्फ 24 लोगों पर किया गया और इस बात का भी जिक्र नहीं है कि वे लोग किस सांस्कृतिक और भौगोलिक पृष्ठभूमि के थे. हो सकता है कि अलग पृष्ठभूमि के मर्दों पर इसका कुछ और असर पड़े.
इंस्टीट्यूट अब एक नया रिसर्च करने वाला है. वह मर्दों के आंसू से औरतों पर पड़ने वाले फर्क के बारे में जानना चाहता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः वी कुमार