सैर अजब गजब टॉयलेट्स की
४ सितम्बर २०१०आपको कैसा टॉयलेट पसंद है? एक ऐसा टॉयलेट जो 19वीं सदी में बनाया गया. उसकी तकनीक और उसके साफ सफाई का तरीका भी पुराना है लेकिन आज भी चल रहा है. या फिर जापान में बना एक ऐसा आधुनिक और ऑटोमेटिक टॉयलेट जिसकी कीमत एक छोटी कार जितनी है? बर्लिन में आप सब देख सकते हैं.
बर्लिन घूमने आने वाले जो सैलानी मशहूर जगहों के साथ साथ कुछ अलग देखना चाहते हैं, उनके लिए एक टूअर गाइड ने अनोखा आइडिया निकाला है. यह गाइड उन्हें बर्लिन के टॉयलेट दिखाने ले जाएगी.
गाइड अना हासे लोगों को अलग तरह के बर्लिन की सैर कराना चाहती हैं. वह सैलानियों को उन जगहों पर ले जाना चाहती हैं, जहां आमतौर पर लोग नहीं जाते. इसके लिए उन्होंने बर्लिन के सबसे मशहूर टॉयलेट्स को चुना है. इसके लिए उन्होंने काफी रिसर्च के बाद एक टूअर तैयार किया है. वह सैलानियों के एक ग्रुप को शहर के सबसे चर्चित टॉयलेट्स दिखाने ले जाती हैं, उन्हें टॉयलेट्स का इतिहास बताती हैं और उनसे जुड़े दिलचस्प किस्से भी सुनाती हैं.
इस सैर में दशकों पुराने टॉयलेट्स से लेकर एकदम आधुनिक और तकनीकी टॉयलेट्स शामिल हैं. एक टॉयलेट 19वीं सदी में बनाया गया है. आधुनिक बर्लिन की पहचान बन रहे पोट्सडैमरप्लात्स स्क्वेयर पर मौजूद वह टॉयलेट भी इस टूअर का हिस्सा है, जो सबसे आधुनिक तकनीकों पर काम करता है. हासे को यह आइडिया 2005 में सालाना इंटरनेशनल टूरिस्ट गाइड डे के मौके पर आया. इस दिन की थीम उन जगहों को बनाया गया जो भीड़भाड़ से हटकर हों और लोगों को राहत पहुंचाएं. हासे कहती हैं, "मुझे लगा कि मेरे ज्यादातर साथी लोगों को पार्कों और चर्चों में लेकर जाएंगे. लेकिन मैं कुछ अलग करना चाहती हूं. मैं लोगों को बर्लिन में साफ सफाई के इतिहास और टॉयलेट संस्कृति के बारे में बताना चाहती हूं."
अपने इस अनोखे टूअर के जरिए हासे सैलानियों के लिए टॉयलेट्स की कमी की ओर भी ध्यान दिलाना चाहती हैं. उनका यह टूअर काफी पसंद किया जा रहा है. वह कहती हैं, "पहले तो लोग नाक चढ़ाते हैं, लेकिन जब मैं उन्हें टॉयलेट्स से जुड़ीं अनोखी बातें बताती हूं तो वे हैरान रह जाते हैं."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार