हत्याओं के शिकंजे में कराची, कर्फ्यू
१६ जनवरी २०११कराची में मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट और अवामी नेशनल पार्टी के बीच तनाव जोरों पर है. दोनों पार्टियां शहर के दो समुदायों और राजनीतिक धारा का प्रतिनिधित्व करती हैं. गृह मंत्री रहमान मलिक ने प्रांतीय अधिकारियों से मुलाकात के बाद टीवी चैनल से बातचीत में कहा, "कराची के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगाया जा रहा है". सिंध प्रांत के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता शर्फुद्दीन मेमन ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि यह अधिकारियों पर है कि वे किसी इलाके में कितनी देर कर्फ्यू लगाए रखना चाहते हैं.
शनिवार को मेमन ने बताया कि गुरुवार से लेकर अब तक 17 लोगों की हत्या की गई है. इन सारे लोगों को चुन चुन कर निशाना बनाया गया है. इन हत्याओं के सिलसिले में दर्जन भर से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है. कराची के तनावग्रस्त इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल और अर्धसैनिक रेंजरों को तैनात किया गया है.
रहस्यमय तीसरी ताकत
कर्फ्यू लगाए जाने के फैसले को उचित बताते हुए रहमान मलिक ने कहा, "यह संघीय और प्रांतीय सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों की सुरक्षा करे." मलिक ने यह भी कहा, "एक तीसरी ताकत भी है जो कराची की स्थिति को बिगाड़ने पर तुली हुई है." मलिक ने यह नहीं बताया कि वह किस तीसरी ताकत का जिक्र कर रहे हैं.
हिंसा का इतिहास
इस हफ्ते मारे गए 17 लोगों में निजी टेलिविजन चैनल जियो के रिपोर्टर वली खान बाबर भी हैं. गुरुवार को वली खान को गोली मारी गई. स्थानीय प्रत्रकार यूनियन और नागरिक संगठनों ने उनकी हत्या की निंदा की है. बीता साल कराची में राजनीतिक हिंसा के लिहाज से बेहद बुरा साबित हुआ है. अगस्त में 85 लोगों की हत्या की गई जबकि अक्टूबर में 70 लोगों की. अगस्त में हुई हिंसा एक सांसद की हत्या के बाद भड़की जबकि अक्टूबर में इसी सांसद के उत्तराधिकारी के चुनाव के दौरान हिंसा हुई. पूरा शहर जातीय और इलाकाई हिंसा, अपराध और अपहरण से जूझ रहा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार