हॉकी लीग: शामियाना बनने से पहले उजड़ने का खतरा
१ दिसम्बर २०११एक टेलीविजन नेटवर्क की पहल पर शुरू होने जा रहे वर्ल्ड सीरीज हॉकी (डब्ल्यूएसएच) की शुरुआत 17 दिसंबर को होने वाली है और यह 22 जनवरी तक चलेगा. इसमें भारत के शीर्ष हॉकी खिलाड़ियों के अलावा कुछ दूसरे देशों के हॉकी खिलाड़ी भी हिस्सा लेने वाले हैं. इसमें 30 लाख डॉलर से ज्यादा की इनामी राशि देने की योजना है, जो किसी खेल मुकाबले के लिए बहुत बड़ी राशि है.
लेकिन मामला शुरू होने से पहले ही खटाई में पड़ता दिख रहा है. अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन ने खिलाड़ियों को इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने से मना कर दिया है. उसने साफ कर दिया है कि जो भी खिलाड़ी डब्ल्यूएसएच में खेलेगा, उस पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. भारत में आईपीएल से पहले कपिल देव और जी ग्रुप की अगुवाई में क्रिकेट का दूसरा लीग मुकाबला आईसीएस (इंडियन क्रिकेट लीग) शुरू हुआ था और उसके साथ ही ऐसा ही हुआ. बाद में खुद बीसीसीआई ने अपना लीग मुकाबला आईपीएल शुरू किया, जो काफी सफल रहा.
फेडरेशन को एतराज
हालांकि अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन का कहना है कि वह इस मुकाबले का इसलिए विरोध कर रहा है क्योंकि इसे भारत में विद्रोही हॉकी फेडरेशन का समर्थन हासिल है, राष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन का नहीं. लेकिन इस चेतावनी के बाद भी हॉकी के बड़े स्टार, ऑस्ट्रेलिया के ब्रेंट लीवरमोर, अर्जेंटीना के लुकास विला और रोड्रिगो गार्जा ने इस मुकाबले में खेलने की हामी भर दी है.
उधर पाकिस्तान ने पहले अपने खिलाड़ियों को भारत जाकर खेलने की अनुमति दे दी थी. लेकिन बाद में विवाद होने के बाद उसने इस अनुमति को खारिज कर दिया और बहाना बनाया कि टीम को अगले साल लंदन में होने वाले ओलंपिक खेलों की तैयारी करनी है. हॉकी इंडिया ने अपने खिलाड़ियों को दूर रहने के लिए कहा है क्योंकि इस टूर्नामेंट के फौरन बाद फरवरी मार्च में भारत में ओलंपिक क्वालीफाइंग मुकाबला होने वाला है और लंदन जाने के लिए भारत को इसमें जीतना जरूरी है. पिछली बार चीन ओलंपिक में भारत शामिल नहीं हो पाया था और यह इतिहास में पहला मौका था, जब ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम क्वालीफाई नहीं कर पाई थी.
खिलाड़ियों को चेतावनी
ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय कोच माइकल नॉब्स ने डब्ल्यूएसएच को रिटायर हॉकी खिलाड़ियों के लिए टूर्नामेंट बताया है और कहा है कि अगर कोई खिलाड़ी उसमें खेला तो उसे ओलंपिक के लिए नहीं चुना जाएगा. जहां तक भारतीय खिलाड़ियों का सवाल है, उन्हें राष्ट्रीय मैच खेलने के लिए पैसे नहीं मिल रहे हैं. यहां से उन्हें पैसों की उम्मीद है लेकिन हॉकी फेडरेशन के दो फांक हो जाने के बाद उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें.
हो चुका है करार
डब्ल्यूएसएच आयोजित करने में बड़ी भूमिका निभाने वाली निम्बस टेलीविजन चैनल का कहना है कि उन्होंने 150 भारतीय खिलाड़ियों के साथ करार कर लिया है और उन्हें खेलने के लिए पेशगी के तौर पर अभी से 5000 डॉलर से लेकर 25000 डॉलर तक की राशि दी जा चुकी है. हालांकि हॉकी इंडिया ने हाल ही में भारत के छह बड़े स्टार हॉकी खिलाड़ियों के हवाले से कहा है कि उन्होंने चिट्ठी लिखी है कि वह इस टूर्नामेंट की जगह ओलंपिक में खेलने को तरजीह देंगे और चाहेंगे कि डब्ल्यूएसएच का आयोजन ओलंपिक क्वालीफायर तक टाल दिया जाए. हालांकि निम्बस के अधिकारी यानिक कोलाको ने इस चिट्ठी को खारिज कर दिया है.
कोलाको का कहना है कि अगर किसी खिलाड़ी को टूर्नामेंट में भाग लेने से रोका गया, तो वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेगा. भारतीय खिलाड़ी इस वक्त दक्षिण अफ्रीका में हैं और इस मामले में उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई. भारत ने आखिरी बार 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता है, जबकि इसके बाद से क्रिकेट की छाया में हॉकी कहीं गुम होकर रह गया है. वैसे, हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है.
रिपोर्टः एएफपी, रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः महेश झा