1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अंशु जैन बने डॉयचे बैंक के सीईओ

३१ मई २०१२

अंशु जैन आज जर्मनी के सबसे बड़े बैंक डॉयचे बैंक के सह सीईओ का पद संभाल रहे हैं. जर्मनी की बड़ी कंपनियों में गिनती के मैनेजर विदेशी मूल के हैं. जिम्मेदारी संभालने से पहले उन्होंने घरेलू बाजार को महत्वपूर्ण बताया है.

https://p.dw.com/p/1557w
अंशु जैनतस्वीर: picture-alliance

49 वर्षीय अंशु जैन का जर्मन न होना और जर्मन भाषा न जानना आलोचना के केंद्र में रहा है. जर्मन सरकार और राजनीति दलों में भी उनका सम्पर्क कम है. इसलिए उनके साथ युर्गेन फिचेन को सह सीईओ बनाया गया है जो डॉयचे बैंक में जर्मन आत्मा के लिए जिम्मेदार होंगे. अब तक जैन अपने बैंक के इंवेस्टमेंट बैंकिंग के प्रभारी थे और लंदन में रहते थे. ब्रोकर के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले अंशु जैन 1995 से डॉयचे बैंक में हैं और उन्हें नैसर्गिक प्रतिभा वाला कारोबारी माना जाता है.

जर्मन शेयर सूचकांक डाक्स में शामिल कंपनियों में कुछ सालों से विदेशी मैनेजर भी हैं लेकिन आम तौर पर कंपनी के प्रमुख जर्मनी के पड़ोसी पश्चिमी देशों के हैं. उनमें डॉयचे बैंक के अब तक के प्रमुख योजेफ आकरमन स्विट्जरलैंड के हैं जबकि सीमेंस के प्रमुख पेटर लोएशर ऑस्ट्रिया और बायर के प्रमुख मारीन डेकर्स नीदरलैंड्स के हैं. पिछले सालों में अधिक से अधिक विदेशी मैनेजरों को बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स में शामिल किया गया. कंसलटेंसी कंपनी सीमोन कूखर एंड पार्टनर्स के अनुसार डाक्स कंपनियों के चोटी के मैनेजरों में 28 फीसदी विदेशी हैं. उनमें से 12 फीसदी गैर यूरोपीय हैं. अंशु जैन भी सीईओ बनने से पहले डाइरेक्टर रह चुके हैं.

Bildkombo Anshu Jain Jürgen Fitschen Deutsche Bank
अंशु जैन और युर्गेन फिचेनतस्वीर: picture-alliance/dpa

दिल्ली विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की डिग्री लेने वाले अंशु जैन फाइनैंस में एमबीए हैं. पिछले सालों में उन्हें डॉयचे बैंक की सोने की मुर्गी समझा जाता रहा है. इंवेस्टमेंट बैंकिंग में अरबों की कमाई के कारण वे अपने बॉस आकरमन से ज्यादा कमाते रहे हैं, लेकिन पिछले साल कर्ज संकट के कारण कमाई गिरी है. उनके आलोचकों का कहना है कि इंवेस्टमेंट बैंकिंग को बढ़ावा देकर उन्होंने उद्योग को कर्ज देने के परंपरागत कारोबार को नुकसान पहुंचाया है.

पद संभालने से पहले भावी नीतियों की ओर इशारा करते हुए अंशु जैन ने डॉयचे बैंक के लिए जर्मन बाजार के महत्व पर जोर दिया है और कहा है कि बैंक जर्मनी, उभरते बाजारों और अमेरिका में विस्तार जारी रखेगा. उन्होंने कहा, "एक समय था जब ग्लोबल बैंक अपने देशों के बाहर सक्रिय थे, लेकिन समय बदल गया है और घरेलू बाजार का महत्व पहले से कहीं ज्यादा हो गया है." उन्होंने कहा कि भौगोलिक रूप से ये इलाके आने वाले सालों में उनकी और उनके सहयोगी फिचेन की प्राथमिकता होंगे.

भारत में डॉयचे बैंक 1980 से सक्रिय है. उसकी शाखाएं 15 शहरों में हैं और वहां 7,800 लोग काम करते हैं. अमेरिका में डॉयचे बैंक की शाखाएं 20 शहरों में हैं और उनमें 11,000 लोग काम करते हैं.

एमजे/ओएसजे (एएफपी, पीटीआई)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें