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अपने देश में देह व्यापार को मजबूर नेपाली लड़कियां

८ जुलाई २०१२

नेपाल की लड़कियों को भारत में भेजकर उनसे देह व्यापार कराना आम बात है, लेकिन अब नेपाल में "एडल्ट एंटरटेनमेंट" के बढ़ने के साथ साथ देश के अंदर भी लड़कियों का व्यापार चल रहा है. लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

"जब मैं 13 साल की थी मैं काठमांडू के होटल में काम करने आई, लेकिन मुझे सीधे मसाज पार्लर ले जाया गया." देह व्यापार के चक्रव्यूह में फंसी सीता तमांग कहती हैं कि शुरुआत में तो उसकी देखभाल की गई, लेकिन एक हफ्ते बाद पार्लर के मालिकों ने उसे बताया कि ग्राहक उससे क्या उम्मीद रखते हैं. "मैं बहुत रोई और मुझे डर लग रहा था. फिर बाकी लड़कियों ने कहा कि उनके साथ भी ऐसा ही हुआ है और इसमें कोई खतरा नहीं है." 18 साल की तमांग लेकिन कभी वापस घर नहीं गई. जब वह छोटी लड़कियों को देखती है तो उसे अपना बचपन याद आता है. "कभी हमारी मालिकों से भी लड़ाई हो जाती है अगर वे छोटी लड़कियों को लाते हैं तो. एक बार मेरी मार पीट भी हो गई. उसने लड़की को तभी जाने दिया जब मैंने अखबारों में छपवाने की धमकी दी."

लेकिन इस पेशे में ज्यादातर महिलाएं इसका विरोध नहीं करतीं. नौकरियों और पैसा कमाने के विकल्पों में कमी की वजह से कई महिलाएं देह व्यापार को एक पेशे के तौर पर स्वीकार भी कर चुकी हैं. इस पेशे में काम कर रही महिलाएं महीने में 100 डॉलर तक कमा लेती हैं जब कि उनको काम पर रख रहे होटल हर महीने 10,000 डॉलर तक कमाते हैं.

देह व्यापार के लिए भारत ले जाई जाने वाली लड़कियों के बारे में तो नेपाल सरकार ने 2007 में ही कानून पारित कर लिए थे लेकिन देश के अंदर मनोरंजन की आड़ में हो रही गैर कानूनी हरकतों को कानून रोकने में असमर्थ है. गैर सरकारी संगठनों में काम कर रहे विश्लेषकों का कहना है कि सरकार इसे ज्यादा से ज्यादा शोषण का मामला मानती है और देह व्यापार की तरह इसे नहीं देखा जाता.

वर्ल्ड एजुकेशन एशिया में काम कर रहीं हेलेन शेरपा कहती हैं, "देह व्यापार इधर, हमारे देश में हो रहा है और केवल भारत में मुंबई या दिल्ली में नहीं." शेरपा कहती हैं कि गरीब घरों की लड़कियां आराम से इस पेशे में घुस जाती हैं. उन्हें फिर काठमांडू के मसाज पार्लर या रेस्तरां में नौकरी मिल जाती हैं जहां उन्हें ग्राहक मिल जाते हैं.

मनोरंजन के नाम पर चल रहे इस उद्योग में रेस्तरां और मसाज पार्लर के अलावा डांस बार, छोटे होटल और लॉज और नेपाल के पारंपरिक दोहोरी भी शामिल हैं. दोहोरी नेपाल के हाईवे पर छोटे ढाबे होते हैं जहां नेपाली संगीत चलता है. इनमें आने वाले ग्राहक अकसर लड़कियों की मांग करते हैं. विश्लेषकों के मुताबिक इस उद्योग में 15,000 लड़कियां काम करती हैं. तीन से चार हजार लड़कियां डांस बारों में पैसे कमाती हैं जब कि ज्यादातर रेस्तरां में ग्राहकों को तलाशती हैं.

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय संगठन तेर देसौम्स टीडीएच ने इस पर एक रिपोर्ट निकाली है. इसमें कहा गया है कि नेपाल में 32,000 लड़कियां देह व्यापार कर रही हैं और 50 प्रतिशत से ज्यादा 16 साल से कम उम्र की हैं. ज्यादातर लड़कियां 12 से लेकर 14 साल की उम्र में अपने घर छोड़कर काठमांडू आती हैं. टीडीएच की रिपोर्ट में लिखा है कि ज्यादातर महिलाएं खुद इस पेशे में लड़कियों को लाती हैं. ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि पेशे को छोड़ने से पहले उन्हें अपनी जगह एक नई लड़की लानी होती है और पुराने कर्ज चुकाने होते हैं.

अब तक सरकार ने केवल कुछ जगहों पर छापे मारे हैं. नेपाल में कानून भी महिलाओं के खिलाफ है. अगर देह व्यापार करते हुए एक महिला पकड़ी जाती है तो उसे अश्लील हरकतों के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है. ज्यादातर लड़कियां जेल में 24 घंटे बिता कर वापस काम पर चली जाती हैं. विश्लेषकों का कहना है कि सरकार को सबसे पहले इस परेशानी को स्वीकार करना होगा.

एमजी/एनआर(आईपीएस)

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