1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अमेरिका पर बरसे गिलानी, चीन की तारीफ

२८ सितम्बर २०११

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह उनके देश पर इस्लामी उग्रवादियों के जरिए दोहरा खेल खेलने के आरोप लगाना बंद करे. यूसुफ रजा गिलानी ने 'हर मौसम में साथ देने वाले दोस्त' चीन की खुल कर तारीफ की.

https://p.dw.com/p/12iFq
तस्वीर: picture alliance/dpa

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के साथ खास बातचीत में गिलानी ने कहा कि अगर अमेरिका पाकिस्तान में हक्कानी नेटवर्क के उग्रवादियों को पकड़ने के लिए एकतरफा कार्रवाई करता है तो यह पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन होगा. हालांकि वह अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव से जुड़े सवाल को टाल गए और ऐसे उन्होंने किसी कदम का संकेत नहीं दिया कि जो पाकिस्तान अमेरिका की नाराजगी को दूर करने के लिए उठा सकता है.

अमेरिका के निवर्तमान सेना प्रमुख माइक मुलेन ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया कि हक्कानी नेटवर्क तालिबान का पक्का हथियार है. उनका कहना है कि 13 सितंबर को काबुल में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले में हक्कानी नेटवर्क को आईएसआई की मदद मिली थी.

Indien Cricket WM 2011 Halbfinale Indien Pakistan
तस्वीर: AP

चीन की तारीफ में कसीदे

प्रधानमंत्री गिलानी का कहना है, "यह नकारात्मक संदेश मेरे लोगों को परेशान करता है. अगर कोई ऐसा संदेश दिया जाता है जो हमारी दोस्ती के लिए मुनासिब नहीं है तो फिर मेरे आवाम को विश्वास दिलाना मुश्किल होगा. इसीलिए उन्हें सकारात्मक संदेश देना चाहिए."

मुलेन के आरोपों के बाद से पाकिस्तान ने अमेरिका के खिलाफ राजनयिक मोर्चे पर वाकयुद्ध छेड़ दिया है और अपने मजबूत सहयोगी चीन की तरफ ज्यादा से ज्यादा झुकता जा रहा है. सोमवार को चीनी सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री मेंग जियानचु के इस्लामबाद पहुंचने के बाद से ही पाकिस्तानी अधिकारी चीन की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं. चीनी मंत्री वहां एक उच्चस्तरीय वार्ता में हिस्सा ले रहे हैं.

मेंग से मुलाकात के बाद गिलानी ने सरकारी टीवी पर कहा, "हम अच्छे दोस्त हैं और हम दोनों इसकी अहमियत समझते हैं. उन्होंने कहा, " पाकिस्तान के सबसे मजबूत संस्थान सेना ने भी चीन के समर्थन की तारीफ की है. सेना प्रमुख जनरल अश्फाक कियानी ने चीन के निरंतर समर्थन के लिए मेंग को धन्यवाद दिया.

Syed Yousaf Raza Gilani
तस्वीर: DW

अमेरिका की 'हताशा'

चीन और पाकिस्तान एक दूसरे को हर मौसम में साथ रहने वाले दोस्त कहते हैं और उनके बीच लंबे समय से मजबूत रिश्तों की वजह पड़ोसी देश भारत से दोनों देशों की प्रतिद्वंद्विता भी है. सुरक्षा मामलों के जानकार हसन असकरी रिजवी कहते हैं, "वे (पाकिस्तानी) अपने राजनयिक विकल्पों को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहते हैं कि ताकि उन पर पड़ रहा दबाव कम हो सके. उन्हें लगता है कि इस संकट की स्थिति में चीन उनकी मदद करेगा."

जब गिलानी से पूछा गया कि क्यों अचानक अमेरिका पाकिस्तान की आलोचना करने लगा है तो उन्होंने कहा कि 2014 तक अफगानिस्तान से वापसी से पहले अमेरिका वहां जारी लड़ाई से हताश हो चुका है. वह कहते हैं, "निश्चित तौर पर उन्हें अफगानिस्तान से ज्यादा नतीजों की उम्मीद थी जो वे अब तक हासिल नहीं कर पाए हैं. उन्हें वह नहीं मिला है जो उन्होंने सोचा था."

गिलानी ने इन आरोपों को खारिज किया कि सीमापार होने वाली किसी हिंसक घटना में पाकिस्तान का हाथ है. उन्होंने कहा, "यह पाकिस्तान के हित में है कि अफगानिस्तान में स्थिरता आए."

व्हाइट हाउस ने भी मंगलवार को अपनी सेना की मांगों पर जोर दिया. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्नी ने कहा, "पाकिस्तान सरकार को मौजूद साठगांठ के खिलाफ कदम उठाने होंगे." जब उनसे पूछा गया कि अगर पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क से अपने रिश्ते खत्म नहीं करता है तो क्या अमेरिका कदम उठाएगा, इस पर कार्नी ने कहा, "स्पष्ट तौर पर हम अपने सहायता कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे हैं. हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और पाकिस्तानी अधिकारियों से हमारी बात हो रही है."

करार की कसक

गिलानी ने इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ भारत की तरह परमाणु सहयोग समझौता नहीं किया है. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में बिजली की बहुत किल्लत है और इसे लेकर दंगे भी होते हैं. विपक्ष भी इस मुद्दे को जोर शोर से उठाता है. लेकिन उन्होंने (अमेरिका ने) असैनिक परमाणु समझौता पाकिस्तान के साथ नहीं, बल्कि भारत के साथ किया है. अब मैं अपने लोगों को कैसे भरोसा दिलाऊं कि वे पाकिस्तानियों के दोस्त हैं, भारतीयों के नहीं."

गिलानी के बयान पर अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलाड का कहना है, "अमेरिका इसे बराबरी वाला खेल नहीं समझता है अमेरिका-भारत या अमेरिका-पाकिस्तान. हमें दोनों के साथ बेहतर रिश्ते चाहिए और हम इसके लिए कोशिश करते हैं."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः वी कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी