अमेरिका, यूरोप नहीं चाहते मुबारक का तुरंत इस्तीफा
६ फ़रवरी २०११म्यूनिख में चल रहे सुरक्षा सम्मेलन में चांसलर मैर्केल ने जीडीआर के अंतिम दिनों के अपने अनुभवों की चर्चा करते हुए कहा कि चुनाव की तैयारी और संरचनाओं के विकास में समय लगता है. उधर अमेरिका अंतरिम काल में हुस्नी मुबारक के सहायक ओमर सुलेमान का समर्थन करने का मन बना रहा है. हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि उप राष्ट्रपति सुलेमान के नेतृत्व वाली मिस्र सरकार ने जिस अंतरिम प्रक्रिया का एलान किया है उसका समर्थन जरूरी है.
मिस्र में तनावपूर्ण शांति है. सेना की अपीलों के बावजूद विपक्षी प्रदर्शनकारी तहरीर स्क्वैयर पर जमे हुए हैं और राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. विपक्षी मुस्लिम ब्रदरहुड ने मिस्र के अधिकारियों के साथ बातचीत शुरू होने की बात कही है जबकि रविवार को फिर से बड़ी रैली बुलाई गई है.
इस बीच अमेरिका और यूरोपीय देश यह उम्मीद कर रहे हैं कि सितंबर में होस्नी मुबारक का कार्यकाल समाप्त होने तक एक अंतरिम अवधि में उप राष्ट्रपति ओमर सुलेमान देश का शासन चलाएंगे, विपक्ष के साथ समझौता करेंगे और चुनाव की तैयारी करेंगे.
मैर्केल ने कहा, "लोकतांत्रिकरण की प्रक्रिया के आरंभ में तुरंत चुनाव कराने को मैं गलत मानती हूं." उन्होंने चेतावनी दी, "यदि सबसे पहले चुनाव कराया जाता है तो नई संरचनाओं के लिए कोई मौका नहीं होगा."
अमेरिकी विदेश मंत्री क्लिंटन ने भी पहले राजकीय संस्थानों को मजबूत बनाने, एक स्वतंत्र कानूनी व्यवस्था बनाने और आजाद प्रेस को अनुमति देने की वकालत की है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि हम विश्व समस्या का समाधान कर देंगे, यदि हम एक काउंटर बंद कर दें या चुनाव करवा दें."
पश्चिमी देशों की सावधानी की वजह मिस्र का संविधान है जो राष्ट्रपति के इस्तीफे की स्थिति में 60 दिनों के अंदर चुनाव कराने की बात कहता है. मुबारक विरोधी प्रदर्शनों के आरंभ में बना बुद्धिजीवी परिषद अमेरिका जैसा समाधान चाहता है और मांग कर रहा है कि मुबारक अपने अधिकार अंतरिम काल के लिए उप राष्ट्रपति सुलेमान को सौंप दें. कुछ विपक्षी दल भी चुनाव से पहले संविधान में परिवर्तन का समर्थन कर रहे हैं.
इस बीच अमेरिकी दैनिक न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार इन संभावनाओं पर चर्चा हो रही है कि अंतरिम अवधि में राष्ट्रपति होस्नी मुबारक जर्मनी में लंबा स्वास्थ्य लाभ कर सकते हैं या शरम अल शेख में अपने घर पर आराम कर सकते हैं. विदेश मंत्रालय ने शनिवार को इन संभावनाओं को ठुकरा दिया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एन रंजन