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अमेरिकी मॉडल विनाश की राह: जयराम

२५ नवम्बर २०१०

भारत के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश को आदत है खरा खरा बोलने की. इस चक्कर में वह कई देशों की सरकारों से पंगा ले चुके हैं. हाल ही में उन्होंने जर्मन कारों पर टिप्पणी करके जर्मनी को नाराज कर दिया था. नया निशना है अमेरिका.

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तस्वीर: AP

जयराम रमेश ने उन अमीर भारतीयों को आड़े हाथों लिया है जो अमेरिकी अंदाज में जिंदगी बिता रहे हैं. उन्होंने तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सारे किये कराए पर पानी फेर दिया है. विकास के जिस अमेरिकी मॉडल पर मनमोहन सिंह पिछले 20 साल से जोर देते आ रहे हैं, उसे रमेश ने विनाश का नुस्खा बताया है.

ब्रिटिश अखबार गार्डियन में छपे एक इंटरव्यू में रमेश ने कहा, "आप अमेरिकियों पर इल्जाम नहीं लगा सकते. अमेरिकी लाइफ स्टाइल अब दुनिया भर का लाइफ स्टाइल बन चुका है."

उन्होंने कहा कि अगर हम इस मॉडल पर चलेंगे तो यह विनाश की राह पर चलने जैसा होगा. रमेश ने कहा, "अगर हम इसी मॉडल को अपनाते हैं तो भारत और बाकी दुनिया के लिए यह विनाशक साबित होगा." जयराम रमेश मेक्सिको के कानकुन में संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण पर होने वाली बैठक में हिस्सा लेने गए हैं.

उन्होंने कहा कि भारत में ऐसे बहुत से लोग हैं जो चाहते हैं कि अब पैदा करो, बाद में चुकाओ. वे तो अमेरिकी ही नहीं चीनी मॉडल पर भी चलने को तैयार हैं.

पर्यावरण के संरक्षण के लिए कई कड़े कदम उठाने के बाद जयराम रमेश को ग्रीन कैंपेनर कहा जाने लगा है. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी नियमों के पालन के नाम पर कई बड़ी परियोजनाओं को भी रोकने में झिझक नहीं दिखाई. इस वजह से अपनी ही सरकार में उन्होंने कई विरोधी पैदा कर लिए हैं.

इसी महीने की शुरुआत में उन्होंने कहा था कि महंगी एसयूवी कारों का भारत में इस्तेमाल अपराधिक है क्योंकि ये कारें बहुत ज्यादा ईंधन पीती हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं.

रमेश कानकुन में 29 नवंबर से 10 दिसंबर के बीच होने वाली बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इस सम्मेलन में 2012 के बाद ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी पर विचार होना है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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