आम लोग बनाते हैं गूगल मैप
३१ मार्च २०११दुनिया के अलग अलग देशों के लोग अपने पड़ोस या फिर किसी दूर दराज के इलाके में जाने का रास्ता अपडेट करते हैं. सिंगापुर में गूगल कंपनी के एड पार्सन्स ने कहा कि नक्शे में आम लोग भी मदद कर सकते हैं. उन्होंने बताया, "वे नए रास्ते जोड़ सकते हैं या फिर पड़ोसियों के साथ रास्ते के नाम के बारे में बहस कर सकते हैं. गूगल जियोमैप लगातार अपडेट होते रहते हैं, उसमें नई नई जानकारी जुड़ती रहती है."
कुछ भी जोड़ो
गूगल मैप मेकर के जरिए आप रास्ते, बिजनेस, पार्क, स्कूल जैसे स्थान नक्शे में जोड़ सकते हैं और इस जगह के बारे में जानकारी दे सकते हैं. आप अब दुनिया की मैपिंग एजेंसी हैं. और मानचित्र बनाने वाली कई एजेंसियां इसे मान रही हैं. गूगल जियोस्पेशल टेकनोलॉजिस्ट एड पार्सन्स कहते हैं कि गूगल जिओ कम्यूनिटी समिट में कई देशों के लोग आए थे जिन्होंने नक्शे बनाने में योगदान दिया है.
पार्सन्स बताते हैं, "कई हजार सालों से चली आ रही मानचित्र बनाने की परंपरा में तेजी से बदलाव आ रहा है. अब मामला ऐसा है कि आम लोग नक्शा बना रहे हैं. वह मैप अपलोड कर रहे हैं क्योंकि अपने आस पड़ोस के आप खुद ही विशेषज्ञ हैं."
पार्सन्स ने कहा कि गूगल मैप के कारण प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत काम में बहुत मदद मिली.
सबके लिए आसान नहीं
भारत के रिटायर हो चुके सीएनआर नायर हर दिन दो घंटे गूगल पर भारत के बारे में जानकारी डालते हैं. वह कई शहरों की यात्रा करते हैं और कई बार तो वह गूगल पर दिए अक्षांश को भी जांचते हैं.
लेकिन अपने देश से बाहर रह कर देश का मानचित्र बनाना नायर के लिए आसान नहीं रहा क्योंकि शुरुआत में सरकार की अनुमति के बिना उन्हें पुलिस की ओर से गिरफ्तारी की धमकी भी मिली. नायर कहते हैं, "गूगल मैप को समुदाय की मदद करनी चाहिए. जब भारत में सूनामी आई थी तो हमने सूनामी से प्रभावित सभी इलाकों को नक्शे पर डाला ताकि भविष्य में लोगों को पता रहे कि कौन से इलाके सूनामी से प्रभावित हो सकते हैं और वहां से लोगों को आसानी से निकाला जा सके."
सिंगापुर में हुई कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि कुछ यात्रियों ने मॉस्को से साइबेरिया ट्रेन से यात्रा की और इसे फिल्माया और फिर इसे गूगल मैप मेकर पर अपलोड किया.
रिपोर्टः एएफपी/आभा एम
संपादनः वी कुमार