ओबामा ने आखिरकार ड्रोन हमलों की पुष्टि की
३१ जनवरी २०१२पाकिस्तान की सरकार बार बार इन हमलों के खिलाफ बयान देती रही है. लेकिन अमेरिका ने कभी भी आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा था. इंटरनेट पर कुछ सवालों का जवाब देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने मान लिया कि पाक-अफगान सीमा में अमेरिका ये हमले कर रहा है.
गूगल+ और यूट्यूब के यूजर्स के साथ सवाल जवाब के दौरान ओबामा ने कहा, "इनमें से ज्यादातर हमले फाटा इलाके में हो रहे हैं. ज्यादातर मामलों में अल कायदा और उनके गठजोड़ के खिलाफ ड्रोन हमले किए जा रहे हैं और हम इस बात का बेहद ध्यान रख रहे हैं कि ये हमले कहां हो रहे हैं."
अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है, "यह उन लोगों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है, जो आतंकवादियों की सूची में हैं. जो अमेरिका पर आक्रमण करना चाहते हैं, अमेरिकियों को निशाना बनाना चाहते हैं, अमेरिकी अड्डों पर हमला करना चाहते हैं." उनका कहना है कि कई कबायली इलाके ऐसे हैं, जहां "वहां की सेना" कार्रवाई करने में समर्थ नहीं है.
अमेरिका का कहना है कि पाकिस्तान के कबायली इलाके अफगानिस्तान में लड़ रहे तालिबान लड़ाकों की पनाहगाह है, जो लगातार अफगानिस्तान में जमा विदेशी फौज और पाकिस्तानी सेना पर हमले कर रहे हैं. हाल के दिनों में पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते बेहद खराब हुए हैं.
समाचार एजेंसी एएफपी ने अपने आंकड़ों के आधार पर बताया है कि 2009 में पाकिस्तानी सीमा में 45 अमेरिकी हमले हुए, 2012 में 101 और 2011 में 64. अमेरिका का थिंक टैंक न्यू अमेरिकी फाउंडेशन का कहना है कि पिछले आठ सालों में अमेरिकी हमलों के दौरान 1715 से 2680 के बीच लोगों की मौत हुई है. मानवाधिकार संगठन इन ड्रोन हमलों का लगातार विरोध कर रहे हैं. अमेरिकी प्रशासन अब तक इन हमलों के बारे में कुछ भी कहने से बचता रहा है. लेकिन ओबामा प्रशासन ने ऐसे हमले तेज किए हैं. अमेरिका की योजना है कि वह 2014 तक अफगानिस्तान को खाली कर देगा.
पाकिस्तान की आम जनता भी अमेरिका के इन हमलों के खिलाफ है. लेकिन 2010 के अंत में लीक हुए विकीलीक्स दस्तावेजों में इस बात का खुलासा है कि पाकिस्तान प्रशासन गुप चुप तरीके से इन हमलों की रजामंदी दे चुका है. हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित का कहना है, "ड्रोन हमलों के फायदे से इतर, हमारा मानना है कि यह गैरकानूनी है, इसका कोई फायदा नहीं है और इस लिहाज से इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है."
अमेरिकी सेना ने पिछले साल मई में अल कायदा प्रमुख ओबामा बिन लादेन को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास एबटाबाद में मार गिराया और पाकिस्तान को इसकी भनक तक नहीं लगने दी. इस मामले के बाद आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अमेरिका के महत्वपूर्ण साथी पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में गहरी दरार आ गई. इस्लामाबाद इसके बाद से अपनी रणनीति पर विचार कर रहा है और उसने अफगानिस्तान में रसद पहुंचाने वाले नाटो ट्रकों के लिए अपने रास्ते भी बंद कर दिए हैं.
रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल
संपादनः ओ सिंह