ओलंपिक से हटेगा डाउ का लोगो
१९ दिसम्बर २०११लॉर्ड कोएज आयोजन समिति (लोकोग) के साथ हुए करार के बाद लंदन के ओलंपिक स्टेडियम से डाउ केमिकल्स का लोगो (प्रतीक चिह्न) हटाया जाएगा. डाउ के प्रवक्ता स्कॉट व्हीलर ने ब्रिटेन के एक अखबार से कहा कि समझौता पांच टेस्ट पैनलों की ब्रांडिंग तक ही सीमित था. इन्हें खेल शुरू होने से कुछ महीने पहले ही हटा लिया जाएगा. खेलों के लिए तैयार आखिरी डिजायन में डाउ का प्रचार नहीं दिखेगा.
भारतीय ओलंपिक संघ अब भी खुश नहीं है. भारतीय अधिकारियों का कहना है कि लोगो हटाना काफी नहीं है. आयोजन समिति को डाउ के साथ प्रायोजन के सभी करार रद्द करने चाहिए. ऐसी भी रिपोर्टें है कि भारतीय ओलंपिक संघ इसके विरोध में एक कड़ा पत्र कंपनी और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को भेजने की तैयारी कर रहा है.
ओलंपिक खेलों के जुड़े कुछ बड़े खिलाड़ी भी इस मुद्दे पर भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के साथ हैं. सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ वह भी मांग कर रहे हैं कि डाउ को लंदन ओलंपिक्स से पूरी तरह हटाया जाए.
डाउ ने 1998 के भोपाल गैस हादसे के लिए जिम्मेदार कंपनी यूनियन कार्बाइड को 1999 में खरीद लिया था. 1984 में यूनियन कार्बाइड के कारखाने से जहरीली गैस का रिसाव हुआ. हजारों लोगों की रातों रात मौत हो गई और लाखों बुरी तरह बीमार हो गए. यूनियन कार्बाइड ने 47 करोड़ डॉलर का मुआवजा दिया. लेकिन सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुआवजे की राशि बहुत कम है. यूनियन कार्बाइड को एक अरब 20 करोड़ डॉलर का मुआवजा और देना चाहिए.
वहीं डाउ केमिकल्स का कहना है कि वह भोपाल गैस हादसे के लिए जिम्मेदार नहीं है. डाउ विवाद से पल्ला छुड़ाना चाह रही है. वहीं अन्य कंपनियां और कुछ ब्रिटिश सांसद ओलंपिक समिति के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: महेश झा