कोलेस्ट्रॉल घटाती है ग्रीन टी
१८ नवम्बर २०११शोध एक हजार से ज्यादा लोगों पर किया गया. 'जर्नल ऑफ द अमेरिकन डाईटेटिक एसोसिएशन' में छपे शोध में कहा गया है कि ग्रीन टी के असर से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा पांच से छह अंकों तक गिरती है. शोध में ग्रीन टी पीने वाले और ग्रीन टी के कैप्सूल लेने वाले लोगों का परीक्षण किया गया. ऐसा पाया गया कि कैप्सूल से भी फायदेमंद है, लेकिन उसका असर उतना तेज नहीं होता जितना ग्रीन टी को पीने से होता है. हालांकि इसकी पुष्टि करने के लिए अभी और शोध की जरूरत है.
दरअसल ग्रीन टी में एक केटेचिन नाम का पदार्थ होता है, जो रक्तवाहिनियों में कोलेस्ट्रॉल को जमने नहीं देता. कैलिफोर्निया की वेस्टर्न यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसिज की ओलिविया फुंग का कहना है कि ग्रीन टी का असर बहुत धीरे धीरे होता है और इसे इलाज की जगह नहीं दी जा सकती, "अगर आप कोलेस्ट्रॉल के लिए दवाई ले रहे हैं तो आप उसे लेते रहें. उसकी जगह ग्रीन टी पीना या ग्रीन टी वाले कैप्सूल लेना ठीक नहीं है." ओलिविया फुंग की सलाह है कि इसे अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाना चाहिए.
ओलिविया की टीम ने 1,415 लोगों पर 20 तरह के टेस्ट किए. लोगों को दो अलग अलग समूहों में बांटा गया. एक ग्रुप को ग्रीन टी पीने को कहा गया और दूसरे को टेस्ट के लिए अन्य तरह के कैप्सूल और कम केटेचिन वाली चाय पीने को दी गई. लोगों पर अलग अलग समय तक टेस्ट किए गए. कुछ लोगों को केवल तीन हफ्ते तक ऐसा करने के लिए कहा गया तो कुछ को छह महीने तक. जिन लोगों के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा पहले से ही ज्यादा थी उन पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं देखा गया.
हालांकि इस शोध के बाद अभी भी कई सवालों के जवाब मिलना बाकी हैं. इस शोध में यह नहीं बताया गया है कि ग्रीन टी किस मात्रा में लेनी चाहिए और किस तरह की ग्रीन टी का कितना असर होता है. ओलिविया फुंग का इस बारे में कहना है, "हमें अलग अलग किस्म की ग्रीन टी की एक दूसरे के साथ तुलना करते हुए कई नए तरह के टेस्ट करने की जरूरत है. तभी हम बता पाएंगे कि किसका असर कितना है." साथ ही इसके बुरे असर के बारे में भी शोध में कुछ नहीं कहा गया है. रोजाना संतुलित मात्रा में ग्रीन टी लेना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन इसमें कैफीन होने के कारण बहुत ज्यादा लेने से बुरे परिणाम भी दिख सकते हैं. बहुत अधिक ग्रीन टी पीने के कारण कुछ लीवर खराब होने के मामले भी सामने आए हैं.
रिपोर्ट: रॉयटर्स/ईशा भाटिया
संपादन: ओ सिंह