गगन के कांसे से भारत में उत्साह
३१ जुलाई २०१२नारंग की शानदार निशानेबाजी के बाद भारत के खेल मंत्री अजय माकन ने ट्वीट किया, "गगन के एक पदक ने पूरे भारत का मूड बदल दिया है. हर कोई बेहद उत्साह में नजर आ रहा है." माकन इस अवसर पर खुद भी लंदन में हैं और उन्होंने मुकाबले के बाद नारंग की तारीफ की. उन्होंने कहा कि हैदराबाद के इस निशानेबाज को बेहतरीन सरकारी ओहदे के अलावा बड़े पुरस्कार दिए जाएंगे.
भारत सरकार पहले ही वादा कर चुकी है कि ओलंपिक की पूरी टीम को भारत में कोचिंग के लिए मौका दिया जाएगा. भारतीय अखबारों ने भी गगन की कामयाबी को खूब बढ़ा चढ़ा कर पेश किया है. भारत के प्रमुख अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने हेडिंग लगाई, "इंडिया गोज गागा ओवर गगन." वहीं द हिन्दू ने लिखा है कि गगन के पदक ने भारतीय चुनौती में नई जान फूंक दी है.
लगातार दो ओलंपिक में नाकामी और पिछले ओलंपिक विजेता अभिनव बिंद्रा के लंदन में फेल हो जाने के बाद गगन नारंग पर अच्छा खासा दबाव था. लंदन के रॉयल आर्टिलरी बैरक के शूटिंग कोर्स में नारंग ने राइफल साध रखी थी और उन्हें पता था कि मामूली सी चूक उन्हें पदकों की दौड़ से बाहर कर सकती है. शुरू में वह चौथे नंबर पर आ रहे थे लेकिन उन्होंने हर बीतते समय के साथ निशाना पक्का किया और कड़ी समयसीमा के बावजूद तीसरा नंबर हासिल कर लिया.
गगन को पदक जरूर मिला लेकिन ओलंपिक में भारत का दुखद इतिहास भी दोहरा गया. 1996 से हर ओलंपिक में भारत ने पदक जीता है लेकिन कभी भी पदक विजेता अगले ओलंपिक में अपना जलवा नहीं दिखा पाया है. अटलांटा में भारत के लिए पहला टेनिस पदक जीतने वाले लिएंडर पेस 2000 में नाकाम हो गए. सिडनी 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य जीता लेकिन एथेंस में उनसे भार उठाया ही नहीं गया. भारत के शानदार निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 2004 के एथेंस ओलंपिक में रजत पदक जीत कर तहलका मचा दिया, पर वह बीजिंग में फेल हो गए. और बीजिंग में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत सोना जीतने वाले अभिनव बिंद्रा लंदन में नाकाम हो गए.
नारंग को फाइनल शूटिंग से पहले इन सब बातों का ध्यान रहा होगा. लेकिन उन्होंने हौसला बनाए रखा. वह जिस 10 मीटर एयर राइफल में हिस्सा ले रहे थे, उसके आखिरी 10 शॉट्स के लिए आधे घंटे का समय मिलता है और एक अंक दसवें भाग तक की गलती की गुंजाइश नहीं होती.
हैदराबाद के गगन नारंग भारत के भारी भरकम निशानेबाज हैं, जिन्होंने 10 मीटर राइफल में पूरे 600 अंक जुटा कर विश्व रिकॉर्ड भी बना दिया है. कहा जाता है कि 98 किलो के नारंग भले ही अपने शरीर पर ध्यान न देते हों लेकिन मानसिक कसरत का पूरा ख्याल रखते हैं. उन्हें एक ठंडे दिमाग का जीनियस कहा जाता है. वह पुणे में एक शूटिंग रेंज चलाते हैं, जिसका नाम गन फॉर ग्लोरी है.
राइफल की रेंज से निकले कांसे ने लंदन ओलंपिक में हिस्सा लेने गए भारतीय खेमे में उत्साह भर दिया है. भारत को शूटिंग में कुछ और पदकों के अलावा तीरंदाजी, बैडमिंटन और मुक्केबाजी में पदक की उम्मीद है. दुनिया की नंबर पांच बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल शानदार फॉर्म में चल रही हैं, जबकि भारतीय महिला मुक्केबाज मेरी कोम के नाम वर्ल्ड चैंपियनशिप है. तीरंदाजी में दीपिका कुमारी से उम्मीद है, तो पहलवान सुशील कुमार भी कुछ कमाल कर सकते हैं. ये सभी ओलंपिक में पदक की दौड़ में बने हुए हैं.
इस तरह भारत के पास बीजिंग ओलंपिक से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद बरकरार है. चार साल पहले भारत ने तीन पदक जीते थे, जो अब तक का उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है.
रिपोर्टः अनवर जे अशरफ (एएफपी)
संपादनः ओंकार सिंह जनौटी