'गर्लफ्रेंड' फिर बनेगी फ्रांस की प्रथम महिला
१० मई २०१२वालेरी और ओलांद बिना शादी के यानी लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं. पेशे से पत्रकार, त्रियरवाइलर और ओलांद की सगाई भी नहीं हुई है. यही वजह है कि फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारी बेहद पसोपेश में हैं. समस्या यह है कि क्या फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से आधिकारिक तौर पर भेजे जाने वाले निमंत्रण पत्र में उनका नाम डाला जाए या नहीं. यही तय करना है. नियम के मुताबिक निमंत्रण पत्र में राष्ट्रपति की पत्नी का नाम डाला जाता है. हालांकि अंतिम रूप से इसका फैसला ओलांद को ही करना है. 15 मई को को ओलांद को शपथ लेनी है. कई तरह की उलझनों, प्यार में मिलना बिछुड़ना और सत्ता संघर्ष की कई कहानियां ओलांद और त्रियरवाइलर के साथ एलिसी पैलेस तक पहुंची हैं.
ब्रूनी की राह पर
त्रियरवाइलर का किस्सा भी पूर्व राष्ट्रपति निकोला सारकोजी की पत्नी कार्ला ब्रूनी की ही तरह ही है. ब्रूनी भी बिना शादी किए राष्ट्रपति निवास में दाखिल हुई थीं. हालांकि बाद में उन्होने सारकोजी से शादी की. शादी तब हुई जब पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी पहली पत्नी को तलाक दिया. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि त्रियरवाइलर ब्रूनी से बेहतर साबित होंगी. पेरिस में रहने वाली फैशन जैसे विषयों पर लिखने वाली रेबेका वोइट का कहना है कि वालेरी फ्रांसीसी रंग ढंग अच्छे से जानती है. उसने प्रचार के दौरान दफ्तर से ओलांद की मदद की. सार्वजनिक तौर पर वह दूर ही रहीं, इसे फ्रांस के लोग पसंद किया. ट्यूरिन के एक धनी परिवार से आने वाली ब्रूनी के उलट वालेरी को ज्यादा ज्यादा विनम्र कहा जाता है. उनका पालन पोषण छह भाई बहनों वाले परिवार में हुआ है. पश्चिमी फ्रांस के एक इलाके में जन्मी वालेरी ने सोर्बबोन से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की है.
वालेरी ओलांद की प्रेमकहानी
वालेरी और फ्रोंसुआ ओलांद की मुलाकात उस वक्त हुई थी जब वह बतौर पत्रकार सोशलिस्ट पार्टी कवर कर रही थीं. ओलांद से उम्र में 10 साल छोटी वालेरी के तीन बच्चे हैं. 'पेरिस मैच' नाम की पत्रिका में काम करते हुए उन्होंने अपने एक सहकर्मी से शादी की थी. लेकिन असल मायने में उनकी प्रेम कहानी आगे बढ़ी साल 2005 में जब ओलांद की पत्नी रॉयल राष्ट्रपति के चुनाव में शामिल होने की तैयारी कर रही थीं.
रॉयल और ओलांद दोनों ने 'टूटे हुए रिश्तों' के बारे में चुप्पी साध रखी थी लेकिन उनका संबंध उस वक्त टूट गया जब राष्ट्रपति चुनाव में सारकोजी के मुकाबले रॉयल की हार हो गई. इसके बाद रॉयल ने ये ऐलान कर दिया कि उन्होने ओलांद से घर छोड़ने के लिए कहा है. हालांकि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रॉयल ने ओलांद का सहयोग किया, लेकिन कहा जा रहा है कि इसका मकसद थोड़ा ही सही, राजनीतिक फायदा कमाना है. रॉयल निचले सदन की अध्यक्ष बनाना चाहती हैं. जहां तक वालेरी की बात है वह पूरे प्रचार के दौरान ओलांद के साथ ही रहीं. हालांकि उन्होने खुद को सोशलिस्ट पार्टी के ऑफिस तक ही सीमित कर रखा था. गुरुवार को जब ओलांद को विजेता घोषित किया गया तो उन्होने पत्रकारों को 'निजता' बरकार रखने के लिए शुक्रिया भी कहा.
बिन ब्याहे पहुंची एलिसी
एलिसी पैलेस की परंपरा को ध्यान में रखते हुए कुछ समस्याओं का हल पहले निकालना होगा. पहली समस्या तो रहने को लेकर है. वालेरी और ओलांद पेरिस के अपने निजी अपार्टमेंट में ही रहना चाहते हैं. जाहिर है वहां सुरक्षा की समस्या होगी. लेकिन दूसरी समस्या विदेशी यात्रा, आधिकारिक मुलाकातों को लेकर है. कुछ देश शादी के बाहर के संबंधो को लेकर काफी संजीदा हैं. ऐसे में पूछा जा रहा है कि क्या इससे निपटने के लिए जोड़ा जल्द ही शादी कर लेगा. इस समस्या से पूर्व राष्ट्रपति सारकोजी जूझ चुके है. शादी से पहले जब वह भारत में गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि बने तो कार्ला ब्रूनी को आधिकारिक निमंत्रण नहीं दिया गया.
रेडियो हॉलैंड से बातचीत करते हुए ओलांद ने कहा, "इस बारे में फैसला हमें ही करना होगा. मैं एक दिन राष्ट्रपति बनूंगा ये सोचकर इसका फैसला नहीं हो सकता." उधर, वालेरी का कहना है कि वो अपना काम जारी रखेंगी. हालांकि उन्होने रिपोर्टिंग के काम से खुद को अलग कर लिया है. 'द टाइम्स ऑफ लंदन' से बात करते हुए वह कहती हैं, "इस जिम्मेदारी ने मुझे कुछ असहज बना दिया है. लेकिन मैं सब दुरुस्त कर दूंगी. मैं फ्रांस की छवि को प्रस्तुत करना चाहती हूं. इसके लिए मुझे जरूरत पड़ने पर मुस्कुराना होगा, अच्छे कपड़ने पहनने होंगे. लेकिन बात यहीं समाप्त नहीं होती. मैं केवल नाम भर की पत्नी नहीं होऊंगी."
ब्रूनी की परंपरा
कार्ला ब्रूनी ने सारकोजी से शादी क्यों की इस बात को लेकर कई तरह के चुटकुले भी छोड़े गए. ट्विटर पर कहा गया कि ब्रूनी अब सारकोजी को छोड़ देगी क्योंकि वो अब सत्ता से बाहर हो गए हैं. 'पॉवर ड्रेसिंग: फर्स्ट लेडी वूमन पॉलिटीशियन एंड फैशन' नाम की किताब के लेखक रॉब यंग का मानना है कि ब्रूनी को भी 'दिखावे की पत्नी' के दायरे से बाहर निकलने के लिए काफी कुछ करना पड़ा था. इसमें कोई संदेह नहीं कि ब्रूनी अपने समकालीन राष्ट्राध्यक्षों की पत्नियों से कहीं ज्यादा ग्लैमरस और खूबसूरत थीं. लेकिन जब तक सारकोजी राष्ट्रपति रहे, ब्रूनी ने अपने ग्लैमरस छवि का प्रदर्शन कम ही किया. ब्रूनी को एलिसी पैलेस के संक्षिप्त कार्यकाल के अलावा भी बहुत सारी बातों के लिए याद किया जाएगा.
वीडी, ओएसजे (एपी)