चांसलर मैर्केल कहां गईं...
११ अगस्त २०११गोता लगाते बाजार और डूबती साझा मुद्रा यूरो के मद्देनजर फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी को अपनी छुट्टी बीच में ही छोड़ कर आना पड़ा है और उन्होंने बुधवार को पेरिस में अपने कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्यों की बैठक बुलाई. स्पेन के प्रधानमंत्री जोसे लुई रोद्रिगो जापाटेरो और इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बैर्लुस्कोनी भी ऐसे समय में कदम उठाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं जब यूरोप में अगस्त को महीने को सबके लिए छुट्टी का समय माना जाता है.
लेकिन जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल इस बीच कहीं नजर नहीं आ रही हैं. उन्होंने 26 जुलाई को बायरौयथ से अपनी छुट्टियां शुरू कीं और उन्हें वैगनर ओपरा उत्सव में देखा गया. फिर वह दो हफ्ते तक दक्षिणी इटली की तिरोल पहाड़ियों में अपने पति योआखिम जाउअर के साथ हाइकिंग करके दो हफ्ते बाद बर्लिन लौट आईं. लेकिन 13 अगस्त को बर्लिन दीवार के निर्माण की 50वीं वर्षगांठ से पहले सार्वजनिक तौर पर दिखने की उनकी कोई योजना नहीं है.
चिंता की बात नहीं
जर्मनी में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले बिल्ड अखबार ने गुरुवार को अपने दूसरे पन्ने पर मैर्केल की काले रंग की प्रतिकृति छापी है और उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाया. अखबार पूछता है, "शेयर बाजारों में भूकंप आया है, यूरो का ड्रामा हो रहा है-- मैर्केल खामोश क्यों हैं."
वरिष्ठ विपक्षी सोशल डेमोक्रैट सांसद वोल्फगांग थिरसे ने मांग की है कि मैर्केल सांसदों को बताएं कि संकट के समय वे खामोश क्यों हैं. हालांकि जर्मन सरकार के अधिकार इस बात को खारिज करते हैं कि चांसलर वित्तीय संकट से पूरी तरह सरोकार नहीं रख रही हैं. उनका कहना है कि मैर्केल ने रविवार को फ्रांस के राष्ट्रपति सारकोजी के साथ मिल कर एक साझा बयान जारी किया ताकि परेशान निवेशकों को ढांढस बंधाया जा सके. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और इटली के प्रधानमंत्री बैर्लुस्कोनी से भी फोन पर बात की है.
एक अधिकारी के मुताबिक मैर्केल के चीफ ऑफ स्टाफ रोलांड पोफाला और आर्थिक सलाहाकर लार्स-हेंडरिक रोएलर काम कर रहे हैं और मैर्केल लिखित संदेश, ईमेल और टेलीफोन से लगातार उनके संपर्क में हैं. मैर्केल अपना आईपैड और मोबाइल फोन हमेशा अपने पास रखती हैं. अधिकारी के मुताबिक जर्मनी को वैसे संकट की परेशानी नहीं है जैसी स्थिति फ्रांस, इटली, स्पेन या ब्रिटेन के सामने है.
गिरता बाजार
इस बीच यूरोप के शेयर बाजारों ने गुरुवार को फिर गोता लगाया. बैंक इस बढ़ती चिंता से परेशान हैं कि यूरोजोन का ऋण संकट जल्द खत्म नहीं होने वाला है. दोपहर के आसपास पेरिस का शेयर बाजार 3.20 प्रतिशत गिर गया. लंदन 0.77 प्रतिशत और फ्रैंकफर्ट 1.58 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. मिलान के शेयर बाजार को 2.66 प्रतिशत और मैड्रिड के शेयर बाजार को 1.67 प्रतिशत का घाटा उठाना पड़ा. ग्रीस, पुर्तगाल और आयरलैंड के बेहाल होने के बाद स्पेन और इटली पर भी खतरा मंडरा रहा है.
गुरुवार को यूरोप के बाजार शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाए.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः आभा एम