चीनी मो यान को साहित्य का नोबेल
११ अक्टूबर २०१२स्वीडिश अकादमी ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा कि 2012 के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार चीनी लेखक मो यान को लोक कथाओं, इतिहास और समकालीन साहित्य को भ्रांतिजनक यथार्थवाद के साथ मिलाने की शैली के लिए दिया जा रहा है.
मो यान लेखक का पेन नेम है जिसका मतबल है बोलो मत. चीन में लेखन के लिए सबसे मशहूर, सबसे प्रतिबंधित लेखकों में मो यान का नाम शामिल है. उन्हें फ्रांस काफ्का या जोसेफ हेलर का चीनी जवाब भी कहा जाता है. चीन के उत्तर पश्चिमी गाओमी में पैदा हुए मो यान का असली नाम गुआन मोये है.
मो यान ने अपनी पैनी नजर 20 वीं सदी के काले और बदसूरत चीनी समाज पर टिकाई है. वह पहले चीनी नागरिक और दूसरे चीनी भाषा के लेखक हैं जिन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा. 57 साल के लेखक 1987 में लिखे एक नोवेला के बाद मशहूर हुए थे. रेड सोर्घम नाम के इस नोवेला में पूर्वी चीन के गांवों में होने वाली हिंसा का चित्रण किया गया है. इस कहानी को चीनी निर्देशक झांग यिमोऊ ने बाद में फिल्म के लिए इस्तेमाल किया.
रिपोर्टः आभा मोंढे (डीपीए, रॉयटर्स, एएफपी)
संपादनः एन रंजन