चीन में हत्यारे छात्र को फांसी
७ जून २०११इस अपराध के बाद चीन में अमीरजादों की दूसरी पीढ़ी पर बहस छिड़ गई थी.चीन के टेलिविजन ने कहा है कि याओ चियाशिन को शांक्शी प्रांत के हाई कोर्ट द्वारा अपील खारिज किए जाने के बाद फांसी दे दी गई. 22 अप्रैल को सुनाई गई सजा की चीन की सर्वोच्च जन अदालत ने भी पुष्टि कर दी थी. उसने इसे अत्यंत जघन्य और निंदनीय अपराध बताया था.
21 वर्षीय को शांक्शी की राजधानी शीआन में एक 26 वर्षीया मां जांग मिआओ को कार से धक्का देने के बाद मार देने के आरोप में सजा दी गई थी. एक साइकिल पर जा रही जांग को दुर्घटना में मामूली चोट लगी लेकिन उसकी मदद करने के बदले याओ ने उसे छूरे से 8 बार गोद कर मार डाला. जांग उसकी कार का नंबर नोट करने की कोशिश कर रही थी.
शीआन के म्यूजिक कॉलेज में पढ़ने वाला याओ पहले तो घटनास्थल से भाग गया लेकिन बाद में उसे पकड़ लिया गया. उसने माना कि जांग की हत्या उसने इसलिए कर दी कि उसे डर था कि किसान औरत से दुर्घटना पर डील करना मुश्किल होता.
इस घटना के बाद चीन में दूसरी धनी पीढ़ी के व्यवहार पर बहस छिड़ गई. ये पिछले 30 सालों में चीन के आर्थिक विकास के दौरान धनी हुए लोगों के बच्चे हैं जो अपने लिए विशेषाधिकारों की उम्मीद करते हैं लेकिन कोई नैतिकता नहीं दिखाते. इससे पहले जनवरी में 23 वर्षीय ली चीमिंग को 6 साल की कैद की सजा दी गई थी जिसने शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए दुर्घटना करने के बाद पिता के पुलिस अधिकारी होने का सहारा लेकर बचने की कोशिश की थी. उत्तरी चीन में एक कॉलेज कैंपस में दो युवा महिलाओं को कुचलने के बाद जिसमें से एक की मौत हो गई, वह चिल्लाया, "मेरे बाप का नाम ली गांग है. हिम्मत है तो कोई रोकने की कोशिश करे."
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार याओ के माता पिता न तो विशेष रूप से धनी थे और न ही ऊंचे राजनीतिक हल्कों में रिश्तों वाले थे. वे चीन के रक्षा उद्योग में काम करते थे. मंगलावार को याओ को दी गई फांसी पर इंटरनेट पर मिश्रित प्रतिक्रिया हुई है. कुछ उसके व्यवहार को बच्चों पर अच्छे करियर के लिए माता पिता द्वारा डाले जा रहे दबाव का नतीजा बता रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए जमाल