जर्मनी में सीरियल किलिंग का मामला
१९ अप्रैल २०११जर्मनी में मार्टिन एन को मास्क मैन के नाम से जाना जाता है. 1992 से 2001 के बीच इस मास्क मैन ने तीन बच्चों की जान ली. बच्चों की उम्र 8 से 13 साल के बीच थी. 2001 में मार्टिन एन ने डेनिस नाम के एक लड़के की हत्या की, जिसकी गुत्थी अब दस साल बाद जाकर सुलझी है.
डेनिस की हत्या का पता लगाने के लिए जर्मन पुलिस ने एक खास कमीशन तैयार किया, जिसका नाम साको डेनिस रखा गया. इस कमीशन को जांच में यह पता चला कि किस तरह से डेनिस की हत्या की गई, उसी तरह से पहले भी और बच्चों की जान जा चुकी है. जब 40 वर्षीय मार्टिन एन को गिरफ्तार किया गया तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया.
बच्चों के साथ यौन दुराचार
मार्टिन ने पहला कत्ल 1992 में किया, दूसरा तीन साल बाद 1995 में और फिर छह साल बाद 2001 में. पुलिस को शक है कि इस बीच उसने कम से कम एक कत्ल और किया है. इन हत्याओं के अलावा मार्टिन पर कम से कम 40 बच्चों के साथ दुष्कर्म करने के आरोप भी हैं.
21 साल की उम्र से ही मार्टिन ने स्कूल में पढ़ाना शुरू किया. इसी दौरान उसने कई बच्चों के साथ यौन दुराचार किया. हालांकि बच्चे कभी उसे पहचान नहीं पाए, क्योंकि वो आधी रात को काले कपड़े और काला मास्क पहन कर बच्चों के हॉस्टल या कैम्प में घुसता था. इस तरह से बच्चे केवल उसकी परछाई को ही पहचानते थे और उन्होंने उसे मास्क मैन और फैंटम का नाम दे दिया.
बाद में मार्टिन ने अपने घर में बेघर बच्चों को पनाह देनी शुरू कर दी. उसके पड़ोसियों ने बताया कि उन्हें यह थोड़ा अटपटा जरूर लगता था, लेकिन उन्हें कभी भी मार्टिन पर शक नहीं हुआ. जर्मनी के श्पीगल टीवी ने मार्टिन के कुछ वीडियो दिखाए जो 90 के दशक में रिकॉर्ड किए गए थे. वीडियो में मार्टिन एक भोली भली सूरत वाला आकर्षक युवक है जिसे बच्चे काफी पसंद करते थे. मार्टिन के केस ने जर्मनी में बच्चों की सुरक्षा पर बहस छेड़ दी है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: ओ सिंह