जर्मन अधिकारी करेंगे कर उगाही में ग्रीस की मदद
२५ फ़रवरी २०१२ग्रीक कंपनियों ने अपने विज्ञापन में कहा है, "यूरोप के हमारे साथियों ने हमारा साथ दिया है. हमें इस समर्थन की जरूरत है, जैसे सांस लेने के लिए हवा की, ताकि इस चक्रव्यूह को तोड़ा जा सके. हमें इस भरोसे की जरूरत है कि इसमें सफलता का उचित अवसर है."
दिवालिया होने का खतरा झेल रहे ग्रीस की मदद के लिए यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे दाताओं ने उस पर बचत की कड़ी शर्तें थोप दी हैं. लेकिन बचत कार्यक्रमों का ग्रीक लोगों के जीवन पर बहुत बुरा असर हुआ है. विज्ञापन में कहा गया है, "हम यूरोपीय संघ के नागरिक हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं और अपना कर चुकाते हैं. इसके बावजूद हम पर पूर्वाग्रहों से भरे अनुचित हमले हो रहे हैं."
ग्रीस के लिए वित्तीय सहायता पर चल रही बहस में अक्सर यह मुद्दा भी उठाया जाता है कि ग्रीस के धनी लोग कर नहीं चुकाते और ग्रीस का कर विभाग भ्रष्टाचार के कारण कर उगाहने में असमर्थ है. इसलिए अत्यंत सख्त समझे जाने वाले जर्मन कर अधिकारियों को अब ग्रीस की मदद के लिए भेजा जा रहा है. जर्मनी के वित्त राज्य मंत्री हंस बैर्नहार्ड बौएस ने कहा है कि ग्रीस की मदद के लिए 160 से ज्यादा स्वयंसेवी वित्त अधिकारी तैयार हैं. उनमें से कुछ ग्रीक भाषा भी जानते हैं.
जनवरी में ग्रीस की सरकार ने कर न चुकाने वाले 4000 लोगों की एक सूची प्रकाशित की थी. उनके पास सरकार का 15 अरब यूरो बकाया है. प्रधानमंत्री लुकास पापादेमोस की सरकार ने कर न चुकाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की घोषणा की है. जर्मन आर्थिक पत्रिका ने यूरोपीय आयोग के हवाले से लिखा है कि प्रमुख करदाताओं के पास ग्रीस सरकार का 63 अरब यूरो बाकी है.
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि स्वतंत्र रूप से काम करने वाले डॉक्टर या इंजीनियर जैसे 75 फीसदी करदाता अपनी आय करयोग्य आयसीमा से कम बताते हैं. लगभग 50 फीसदी कर देने वाले 1000 बड़े करदाताओं की जांच ही नहीं की जाती है. इसके अलावा नियमित रूप से 15 से 20 अरब यूरो कर की हर साल चोरी होती है.
ग्रीस जाने वाले अधिकांश जर्मन वित्त अधिकारी जर्मन प्रांत नॉर्थराइन वेस्टफैलिया के हैं. वहां के वित्त मंत्री नॉर्बर्ट वाल्टर-बोर्यांस कहते हैं, "ग्रीस के सामने आज वैसी ही समस्या है जैसी 1990 में पूर्व जर्मनी की थी." वे साथ ही चेतावनी देते हैं कि ग्रीस में जर्मनों को उससे ज्यादा विरोध का सामना करना पड़ सकता है जितना पश्चिम जर्मनों को पूर्व जर्मनों से करना पड़ा था.
जर्मन प्रदेश हेस्से भी ग्रीस की मदद के लिए वित्त अधिकारियों का एक दल भेज रहा है. उसने 20 साल पहले पूर्वी प्रांत थ्युरिंजिया में भी अपने अधिकारी भेजे थे. हेस्से के वित्त मंत्री ने कहा है कि इस काम में रिटायर हो चुके अधिकारियों की भी मदद ली जानी चाहिए. उन्हें इस काम का अनुभव है.
यूरो देशों को डर है कि यदि ग्रीस में सरकार बदल जाती है तो ग्रीस से कर्ज अदायगी में देरी हो सकती है. अप्रैल में ग्रीस में संसदीय चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले 130 अरब यूरो के सहायता पैकेज में 60 अरब यूरो का भुगतान होना है. चुनाव के सिलसिले में हो रहे जनमत सर्वेक्षणों में वामपंथी पार्टियां आगे चल रही हैं जो यूरो देशों की बचत की शर्तों को अस्वीकार करती हैं. उन्होंने धमकी दी है कि वे दे दिए गए कर्ज को वापस नहीं करेंगी.
रिपोर्टः डीपीए, डीएपीडी/महेश झा
संपादनः एन रंजन