जर्मन सरकार के दबाव के आगे झुकी फेसबुक
२५ जनवरी २०११सोमवार को हैम्बर्ग में डाटा प्रोटेक्शन एडवाइजर जोहानेस कास्पर ने यह जानकारी दी. कास्पर ने बताया कि फेसबुक अब अपने सदस्यों को बताएगी कि उसने उनके खाते से उनका ईमेल का पता लिया है और अगर सदस्य चाहें तो उसका इस्तेमाल करने से रोक सकते हैं.
फेसबुक पर दोस्त ढूंढने की सुविधा कंपनी को इस बात की आजादी देती है कि वह किसी भी सदस्य का पूरा ईमेल अड्रेस बुक बिना उन्हें बताए इस्तेमाल कर सके. अगर कोई सदस्य अपने ईमेल अड्रेस बुक का इस्तेमाल करने से मना कर देगा तो फेसबुक के लिए अब उसके सहारे दूसरों के दोस्त ढूंढना मुमकिन नहीं होगा.
कास्पर ने कहा, "हमें उम्मीद है कि यह समझौता जल्दी लागू हो जाएगा और आगे भी हम इस पर निगरानी रखते रहेंगे." उन्होंने बताया कि उन्हें जर्मनी में कई इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों ने बताया कि उन्हें सोशल नेटवर्किंग साइट का सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करने वाले ईमेल मिले हैं. इनमें उनके दोस्तों की तस्वीर और उनके ईमेल पते का भी इस्तेमाल किया गया है. इसके बाद कास्पर ने फेसबुक से संपर्क किया.
जर्मनी में फेसबुक दूसरी बड़ी इंटरनेट कंपनी है जिसने खासतौर से जर्मनी के लिए अपने नियमों में बदलाव किए हैं. कुछ दिन पहले इसी तरह गूगल ने भी स्ट्रीट व्यू सुविधा लॉन्च करने से पहले लोगों को यह छूट दी कि वे चाहें तो अपने घरों की तस्वीरों से हटवा सकते हैं. दूसरे देशों में जब तक लोगों के घरों की तस्वीर ऑनलाइन नहीं चली जाती, वे उसे हटाने के लिए नहीं कह सकते.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार