ज्यादा दूध से बढ़ती है बीमारी और मोटापा
२० जून २०११जर्मनी में असोसिएशन फॉर इंडिपेंडेंट हेल्थ कंसल्टिंग में आहार विशेषज्ञ हंस हेल्मूट मार्टिन कहते हैं कि जिन लोगों को दूध अच्छा नहीं लगता, वे थोड़ी सी चीनी के साथ या कृत्रिम रंग के साथ दही, पनीर या छाछ ले सकते हैं. उनकी सलाह है कि हर दिन 300 से 500 ग्राम दूध या डेयरी उत्पाद लेने ही चाहिए. "लेकिन अगर आप इनका ज्यादा उपयोग करते हैं तो इससे वजन बढ़ता है. डेयरी उत्पादों के सैचुरेटेड फेटी एसिड्स शरीर की चयापचय प्रक्रिया धीमी कर देते हैं और इस कारण आलस होता है."
बहुत ज्यादा दूध स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं हैं. "लेकिन बहुत कम दूध पीना या बिलकुल नहीं पीना भी ठीक नहीं. इससे शरीर में कैल्शियम कम हो जाता है जिससे ओस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियां कमजोर होने का डर बढ़ जाता है."
दूध के दुश्मनों को विटामिन बी2 की कमी होने का भी खतरा होता है. "इस कारण त्वचा रूखी हो जाती है और होठों के किनारे फटने लगते हैं. इस कारण एनीमिया और थकान के अलावा ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल होती है. एक दो महीने आप बिना दूध के रह सकते हैं लेकिन फिर आपको इसकी मात्रा पूरी करनी ही होगी. आपको विकल्प पता होने चाहिए. आप दूध के बिना रह सकते हैं बशर्ते आप किसी और तरीके की चर्बी खा रहे हों."
15 फीसदी जर्मनों को दूध या डेयरी उत्पादों से एलर्जी होती है क्योंकि वह दूध में पाए जाने वाले लेक्टोज को पचा नहीं पाते. इसका कारण है कि उनके शरीर में लेक्टोज को पचा सकने वाला एन्जाइम नहीं होता. इस कारण दूध लेने पर उनके पेट में मरोड़ उठती है या उन्हें दस्त लग जाते हैं.
मिल्क प्रोटीन एलर्जी के लक्षण बहुत गंभीर भी हो सकते हैं. उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और अत्यधिक गंभीर मामलों में उन्हें एनेफिलेटिक शॉक लग सकता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार