डेढ़ लाख शरणार्थियों को चाहिए नए घर
४ जुलाई २०११फिलहाल सिर्फ 80 हजार शरणार्थियों के सिर पर ही छत है.संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थियों के लिए बनी एजेंसी में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के उपनिदेशक वेई-मेंग लिम-काबा ने कहा, "अधिकतर शरणार्थी अपने देश लौट जाते हैं या फिर उन्हें उस देश में शरण मिली जहां वे सबसे पहले गए. लेकिन संवेदनशील हालात वाले देशों के कुछ शरणार्थियों के लिए किसी तीसरे देश में जा कर रहना ही इकलौता उपाय है."
बहुत से देश सालाना 80 हजार घर शरणार्थियों के लिए बनाते हैं लेकिन इस साल यह कम पड़ेगा क्योंकि 1,72,307 लोगों को घरों की जरूरत है. लिम काबा बताचे हैं, "अगर शरणार्थियों को और घर नहीं मिलते तो करीब एक लाख शरणार्थियों को कोई आसरा नहीं मिलेगा और इस साल इनके लिए कोई हल नहीं निकल पाएगा. यह बहुत जरूरी है कि इन लोगों के पास कोई और उपाय ही नहीं है. ऐसी स्थिति में इन लोगों को घर देने में विफलता का मतलब है ये लोग दुखद अनिश्चय की स्थिति में बने रहेंगे."
आने वाले तीन से पांच सालों में बिना आसरे के रह रहे शरणार्थियों की संख्या सात लाख 80 हजार तक पहुंच जाएगी. लीबिया में जारी हिंसा और अस्थिरता के कारण कई लोग ट्यूनीशिया और मिस्र की सीमाओं पर अस्थाई शिविरों में हैं. इन हालात को देखते हुए यूएनएचसीआर ने अपील की है, "इस स्थिति को देखते हुए यूएनएचसीआर देशों से अपील करता है कि वे शरणार्थियों को पनाह देने के मामले में तेजी से फैसला लें ताकि शरणार्थियों की सुरक्षा के लिए तेजी से काम किया जा सके."
अमेरिका में सबसे ज्यादा शरणार्थियों को लिया जाता है. 2010 में 54,077 शरणार्थी वहां पहुंचे. रोमेनिया, जापान, पैराग्वे ने 2010 में पहली बार शरणार्थियों को अपने यहां रहने की अनुमति दी.
रिपोर्टः एएफपी/आभा एम
संपादनः एस गौड़