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नस्ली पुलिस अफसरों से जर्मनी हैरान

५ अगस्त २०१२

दो जर्मन पुलिस अधिकारी नस्लवादी कू क्लक्स क्लैन के सदस्य पाए गए. जर्मनी में नियोनाजी अपराधों की जांच कर रहे संसद के एक आयोग ने इस बात का खुलासा किया है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

1950 के दशक में कू क्लक्स क्लैन (केकेके) अमेरिका में एक ऐसा नस्लवादी संगठन था जिसका मकसद अमेरिका में रह रहे अफ्रीकी मूल के अश्वेत लोगों पर हमला करना और उन्हें नियंत्रण में रखना था. इसी तरह का एक गुट जर्मनी में भी बनने लगा था. जर्मन संसदीय आयोग के तहत यूरोपीय केकेके के दो सदस्य जर्मन पुलिस के कर्मचारी थे.

केकेके हर नए सदस्य का पारंपरिक तौर पर स्वागत करता है. उसके साथी उसकी आंखें बंद करते हैं, उसे एक बंद कमरे में ले जाकर उसकी आंखें खोली जाती हैं. कमरे के बीचों बीच एक क्रॉस रखा होता है और मोमबत्तियों की रोशनी कमरे में उजाले का एकमात्र स्रोत होता है. नए सदस्य को ब्लेड दिया जाता है जिससे वह अपनी उंगली काटता है. वहां से निकल निकल रहे खून से फिर वह केकेके की प्रतिज्ञा पर अपनी पहचान छापता है. फिर घुटने टेक कर एक सदस्य से आशीर्वाद लेता है. जर्मन राज्य बाडेन व्युर्टेम्बर्ग में स्थानीय जांच एजेंसी ने यह जानकारी दी है. चौंकाने वाली बात है कि इस समारोह में एक जर्मन पुलिस अधिकारी ने हिस्सा लिया.

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तस्वीर: Kyle James

2004 से दो पुलिस अधिकारियों की जांच हो रही थी. लेकिन मामला अब जाकर सामने आया. उस वक्त दोनों पुलिसकर्मियों ने यूरोपीय केकेके के सदस्य होने की बात मानी थी. वे खुद को यूरोपीय व्हाइट नाइट्स कहते थे. और उनका कहना है कि नस्लवाद और जातीय भय के रवैये को देखकर वे इससे बाहर निकल गए. इस तर्क के आधार पर दोनों कर्मचारियों को सिर्फ एक चेतवानी देकर छोड़ दिया गया और आज तक वे पुलिस में नौकरी कर रहे हैं.

जर्मनी में अपराध विशेषज्ञ आज तक इस बात से चकित हैं. उनके संगठन बीडीके ने इन लोगों को नौकरी से निकालने की मांग की है. संगठन के प्रमुख आंद्रे ब्राउन कहते हैं, "क्या उन्हें नहीं पता था कि केकेके एक नस्लवादी संगठन है. मुझे समझ में नहीं आता कि एक पुलिसकर्मी इतना बेवकूफ कैसे हो सकता है और उसे नौकरी से निकालने के लिए उसे आम जिंदगी से कितनी दूर रहना होगा."

केकेके के साथ अपने संबंधों को लेकर पुलिसकर्मियों ने हाल ही में गवाही दी. संसदीय आयोग पिछले 10 साल में नियोनाजी संगठन नेशनल सोशलिस्ट अंडरग्राउंड एनएसयू के हाथों हुई हत्याओं की जांच कर रहा है. इस सिलसिले में एक नियोनाजी संगठन के सदस्यों को भी पकड़ लिया गया है. 2001 से लेकर अब तक संगठन करीब 10 लोगों के कत्ल के लिए जिम्मेदार है. इनमें ज्यादातर प्रवासी हैं. संसदीय आयोग की रिपोर्ट में मिशेल कीजेवेटर नाम की एक महिला पुलिस अधिकारी की मौत की भी जांच चल रही है. जांच में पता चला कि केकेके में शामिल दो पुलिस अधिकारी कीजेवेटर के साथ काम करते थे. इनमें से एक ग्रुप लीडर था. कीजेवेटर की मौत भी नियोनाजी संगठन का काम माना जा रहा है. फाइलों की जांच के तहत अब जांचकर्ता करीब 100 और पुलिसकर्मियों की फाइलें देख रहे हैं और यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि इन पुलिसकर्मियों को काम से निकाला क्यों नहीं गया.

Symbolbild zum rechten Terror
तस्वीर: DW

बाडेन व्युर्टेम्बर्ग में जांच दफ्तर के अंतरिम प्रमुख मार्टिन शाट्ज की पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई तो हुई लेकिन अब भी कई सवाल बाकी हैं. उस वक्त राज्य गृह मंत्री हेरीबर्ट राइष थे जो क्रिस्टियन डेमोक्रैटिक पार्टी के सदस्य हैं. उस दौरान न तो मामले को सार्वजनिक किया गया और खुफिया फाइलों में भी इस पर जानकारी नहीं दी गई. इस बीच राज्य के गृह मंत्रालय ने एलान किया है कि इस मामले पर अगले दो हफ्ते में जांच की जाएगी. संसदीय आयोग भी नियोनाजी कत्लों के तहत केकेके पर नजर रख रहा है. नियोनाजी मौतों और केकेके के बीच संबंध का पता तो नहीं चल पाया है, लेकिन दोनों संगठनों के नस्लवादी विचार अधिकारियों को सतर्क कर रहे हैं.

रिपोर्टः वोल्फगांग कोएलर/एमजी

संपादनः ए जमाल

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