परमाणु बिजली से पीछा छुड़ाएगा जर्मनी
१६ अप्रैल २०११शुक्रवार को हुई बैठक के बाद जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा, "मोटे तौर पर आगे की दिशा पर सहमति बन गई है और मैं इसे लेकर बहुत खुश हूं. हम सभी जल्द से जल्द परमाणु बिजली से पीछा छुड़ाना चाहते हैं." जापान के फुकुशिमा परमाणु बिजली संयंत्र में पैदा संकट के कारण जर्मनी में परमाणु बिजली का इस्तेमाल बंद करने की मांग तेज हो गई है. लगभग एक दशक में जर्मनी के सभी 17 परमाणु बिजली प्लांट बंद किए जा सकते हैं. इसके लिए पवनचक्की और हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण का काम भी तेज करना होगा.
जर्मनी के पर्यावरण मंत्री नोरबर्ट रोएटगन ने कहा है कि जर्मनी का केएफडब्ल्यू बैंक उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर में पवनचक्की लगाने के लिए आसान दरों पर निवेशकों को पांच अरब यूरो का ऋण देगा. उन्होंने कहा, "इसके लिए सामान्य बैंकों से ऋण हासिल करना मुश्किल है."
पिछले साल मैर्केल सरकार ने परमाणु बिजली संयंत्रों की उम्र बढ़ाते हुए उन्हें 2036 तक बने रहने की इजाजत दी, लेकिन अब इस बारे में हुए फैसले पर रोक लगा दी गई है. विपक्षी पार्टियां मांग कर रही हैं कि परमाणु बिजली का इस्तेमाल बंद करने के लिए जो पहले 2022 तक की समयसीमा तय की गई, उसे बहाल किया जाना चाहिए, बल्कि इससे भी पहले परमाणु बिजली से मुक्ति पा ली जानी चाहिए.
वेस्ट पोमेरानिया राज्य में संघीय स्तर पर विपक्षी पार्टी एसपीडी की सरकार चला रहे इरविन सेलेरिंग का कहना है, "हमने 2035 के सुझावों के बारे में सु्ना है. इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. यह कम से कम 2022 की पहले तय समयसीमा या उससे पहले होना चाहिए." इसके जवाब में मैर्केल ने कहा, "अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन हम निश्चित तौर पर परमाणु संयंत्रों की उम्र में कटौती चाहते हैं." मैर्केल ने कहा कि उनका कैबिनेट 3 जून तक परमाणु बिजली संयंत्रों को बंद करने की समयसीमा तय कर देगा. इसके दो हफ्ते बाद इस बारे में संसद से कानून बनाने की कोशिश की जाएगी.
उधर एक रेडियो इंटरव्यू में अर्थनीति मंत्री राइन ब्रूइडर्ले ने कहा कि परमाणु बिजली से अक्षय ऊर्जा पर जाने के लिए सालाना एक से दो अरब यूरो का खर्चा आएगा. उन्होंने इस बारे में मीडिया में लग रही 3 अरब यूरो की लागत की अटकलों को खारिज किया.
सर्वे बताते हैं कि जर्मनी में ज्यादातर लोग परमाणु बिजली संयंत्रों को बंद करने के हक में हैं, जिससे फिलहाल देश की एक चौथाई बिजली की आपूर्ति होती है. वैसे जापान के फुकुशिमा में संकट पैदा होने से पहले भी जर्मनी में राजनीतिक स्तर पर परमाणु बिजली संयंत्रों का खासा विरोध होता रहा है. लेकिन जापान के संकट के बाद मैर्केल ने सात सबसे पुराने प्लांटों को तीन महीनों के लिए अस्थायी तौर पर बंद करने का एलान किया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह