पाक से रिश्ते सामान्य हुए तो बड़ी बात होगीः पीएम
१७ अप्रैल २०११चीन और कजाकिस्तान के पांच दिवसीय दौरे से लौटते हुए प्रधानमंत्री ने अपने विशेष विमान पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, "देखिए, अगर मैं भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को सामान्य बनाने में सफल रहा, तो मैं समझूंगा कि मैंने अच्छा काम किया." जब उनसे पूछा गया कि कौन सी ऐसी पांच चीजें हैं जिन्हें वह हासिल करने चाहते हैं, इस पर मनमोहन ने कहा, "मुझे लगता है कि पांच तो बहुत ज्यादा हैं."
26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय तक आधिकारिक स्तर पर बातचीत बंद रही. अब दोनों देश रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए कदम उठा रहे हैं. पिछले दिनों मनमोहन सिंह के निमंत्रण पर जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने क्रिकेट वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल देखने के लिए मोहाली का दौरा किया तो दोनों देशों में एक हद तक गर्मजोशी देखी गई.
मनमोहन सिंह ने जापान के फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में पैदा संकट के बाजवूद परमाणु ऊर्जा की वकालत की है. उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो अभी घबराहट का माहौल है, वह ठंडे दिमाग से विचार करने पर खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा, "परमाणु बिजली के अत्यधिक इस्तेमाल पर एक हद तक घबराहट जैसी स्थिति दिख रही है. लेकिन अगर आप कोयले के भंडार और जलवायु परिवर्तन के सिलसिले में हाइड्रोकार्बन के असर से जुड़ी समस्याओं को देखें तो परमाणु बिजली पर नए सिरे से विचार करना होगा. जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मुद्दों से निपटने के लिए परमाणु बिजली अहम विकल्पों में से एक है."
घरेलू मोर्चे पर विपक्ष की तरफ से होने वाले हमलों से मनमोहन सिंह विचलित नहीं है. जब उनसे हाल के महीनों में एक के बाद एक विपक्षी हमलों के बारे में पूछा गया तो प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं परेशान नहीं हूं. लेकिन मैं हमेशा मानता हूं कि जब ठंड आती है तो बसंत आने में भी ज्यादा समय नहीं रह जाता है." एक सवाल के जवाब में मनमोहन सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल में अभी कुछ समय लेगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह