बल्लेबाज नाकाम, फिर भी धोनी बेफिक्र
२१ जनवरी २०११दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में भारत अपने दोनों रेग्युलर ओपनर गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग के बिना खेल रही है. चैंपियन बैट्समैन सचिन तेंदुलकर भी चोट खाकर टीम से बाहर हो चुके हैं, लेकिन धोनी को लगता है कि टीम को इससे ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि दोनों टीमें ऐसी परेशानी से जूझ रही हैं. मैं इससे ज्यादा चिंतित नहीं हूं. अहम बात यह है कि हमने दो करीबी मुकाबले खेले. पिछले एक साल में हम अक्सर बड़े खिलाड़ियों के बिना ही खेले हैं. गेंदबाजों को भी चोटों की वजह से बाहर बैठना पड़ा. तो अब टीम इस स्थिति के साथ खेलना सीख गई है."
असल में धोनी को तो इसमें अच्छी बात नजर आती है. वह कहते हैं कि बड़े खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी असल में नए खिलाड़ियों के लिए वरदान है. कप्तान कहते हैं, "यह नए खिलाड़ियों के लिए अच्छा है क्योंकि यहां हालात काफी मुश्किल हैं. ऐसे में वे ज्यादा सीखेंगे. यहां की सपाट पिचों पर आप खेल को पढ़ना सीखते हैं. उपमहाद्वीप की पिचों पर आपके दिमाग में 300-325 का स्कोर रहता है. और अचानक आपको पता चलता है कि 190 रन बनाकर भी जीता जा सकता है. ऐसे मैच खेलकर आप बहुत कुछ सीखते हैं."
भारत इस वक्त पांच मैचों की सीरीज में 2-1 से आगे है. धोनी मानते हैं कि चौथे मैच में टीम के ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों को अपनी लय वापस पानी होगी. सेंट जॉर्ज पार्क में शुक्रवार को होने वाले मैच में वह सीरीज पर कब्जा कर लेना चाहते हैं लेकिन उसके लिए बल्लेबाजों का प्रदर्शन जरूरी है. मैच से पहले पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "हम हमेशा कहते हैं कि हमारा बैटिंग विभाग हमारी ताकत है. लेकिन उसे एक ईकाई की तरह खेलना होगा. बेशक निचले क्रम ने अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन आखिर में तो बैट्समैन को दबाव अपने ऊपर लेना ही होगा. उम्मीद है इस मैच में हम अपनी काबलियत के हिसाब से ही प्रदर्शन करेंगे."
धोनी ने संकेत दिए कि कुछ गेंदबाजों को चौथे वनडे में आराम दिया जा सकता है. हालांकि जहीर खान के बिना खेलने की उनकी कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा, "उनकी हमें जरूरत है. जैक (जहीर) ने पिछले एक साल में बहुत ज्याद वनडे नहीं खेले हैं. इसलिए जरूरी है कि वर्ल्ड कप से पहले वह अपनी लय में आ जाएं. उपमहाद्वीप में तेज गेंदबाजों को ज्यादा मेहनत करनी होगी क्योंकि यह साल की शुरुआत है."
लेकिन भारतीय कप्तान कहते हैं कि उन्हें नतीजे की चिंता नहीं है वह तो बस अच्छा क्रिकेट खेलना चाहते हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार